शक्ति दिखाकर राव ने मांगी सत्ता में हिस्सेदारी
कोरियावास-हसनपुर चौक पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का रैली करने का क्या उद्देश्य था? आगामी 11 सितंबर को नाहड़ में रैली का क्या उद्देश्य है?
महेश कुमार वैद्य, नारनौल: बृहस्पतिवार को नारनौल के कोरियावास-हसनपुर चौक पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का रैली करने का क्या उद्देश्य था? आगामी 11 सितंबर को नाहड़ में रैली का क्या उद्देश्य है? आखिर राव ने आज भीड़ जुटाकर क्या हासिल किया है? ऐसे कई सवाल है जो इन दिनों चर्चा में हैं। इसका सटीक जवाब है-राव पार्टी को अपने समर्थकों
की शक्ति दिखाकर सत्ता में शक्ति बढ़ाना चाह रहे हैं। राव पहले अपने लिए कुर्सी चाहते थे, परंतु अब उनकी तमन्ना बेटी आरती राव को चंडीगढ़ भेजने व समर्थकों को अधिकाधिक टिकट दिलाने की है। राव चाहते हैं पार्टी अहीरवाल में टिकट वितरण करते समय उनकी राय को तवज्जो दे। शक्ति प्रदर्शन रैलियों का असल उद्देश्य यही है।
राव ने बृहस्पतिवार को अभिनंदन रैली में व बाद में दैनिक जागरण से बातचीत में यह साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व से उन्हें अब कोई शिकवा नहीं है। पार्टी ने उन्हें दूसरी पारी के लिए मुख्यमंत्री का उम्मीदवार मान लिया है, लेकिन राव ने रैली में इशारों ही इशारो में यह भी कह दिया कि अगर मैं पार्टी की शक्ति बढ़ा रहा हूं तो पार्टी को भी मेरा सम्मान बढ़ाना चाहिए। राव ने गेंद पार्टी के पाले में डाल दी है। राव न केवल खुलकर पार्टी की लाइन पर बोले बल्कि बैकड्राप पर लगे प्रमुख नेताओं के चित्र भी गवाही दे रहे थे कि उनकी रैली भी पार्टी को समर्पित है।
------भाजपा ने 2014 के विस चुनाव में राव के अनुसान ही कोसली, नारनौल, पटौदी व बावल की चार टिकटें दी थी। नारनौल विधायक ओमप्रकाश एडीओ जहां आयोजक की भूमिका में थे वहीं बावल के विधायक जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डा. बनवारी लाल व पटौदी की विधायक बिमला चौधरी भी मौजूद थी, लेकिन कोसली के विधायक बिक्रम ने दूरी बनाकर रखी। भिवानी
महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह उम्मीद के अनुसार मंच पर थे। सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्री रामबिलास शिक्षक दिवस की वजह से चंडीगढ़ में व्यस्त थे जबकि संतोष यादव व राव अभय सिंह का न आना तय माना जा रहा था। राव अभय सिंह के विस क्षेत्र में रैली होना और उन्हीं का दूर होना यह बताता है कि मनोहर के चहेते विधायक अभय सिंह तब से राव के निशाने पर हैं, जबसे वह उनकी अनदेखी करके मनोहर गीत गा रहे हैं।
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घी-खिचड़ी न हो पाने का मलाल
राव इंद्रजीत को नए और पुराने भाजपाइयों के घी-खिचड़ी न हो पाने का मलाल है। रैली के बाद महेंद्रगढ़ जिले के तीन विधायकों शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, विधानसभा उपाध्यक्ष संतोष यादव व नांगल चौधरी के विधायक राव अभय सिंह की अनुपस्थिति पर राव ने कहा कि संभव है किसी को कुछ काम हो और कुछ मर्जी से नहीं आए हों, मगर उन्हें यह मानने में हिचक नहीं है कि अभी हमारे ऐसे कई नेताओं-समर्थकों के साथ भाजपाई घी-खिचड़ी नहीं हो पाए हैं जो समर्पित भाव से पार्टी के हो चुके हैं।