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सिपाही बनने के लिए 14,371 युवाओं ने दी परीक्षा

सुरक्षा ऐसी कि टोपी, जूते, मफलर, रुमाल और कलाई पर बंधा धागा तक खुलवा दिया। पैन और बेल्ट तक परीक्षा केंद्र के भीतर ले जाने की अनुमति नहीं थी। मेटल डिटेक्टर से हर युवा की जांच हुई जिसके बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया गया। सुरक्षा के ये इंतजाम किसी संवेदनशील स्थान पर एंट्री के लिए नहीं बल्कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की ओर से रविवार को कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) की लिखित परीक्षा के लिए किए गए थे। जिला में 35 परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिनमें 14 हजार 371 परीक्षार्थियों ने सुबह व सांय दो पारियों में परीक्षा दी। सुबह की परीक्षा प्रात: 10:30 बजे से 12 बजे तक तथा शाम की परीक्षा सांय 3 बजे से 4:30 बजे तक हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 07:40 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 07:40 PM (IST)
सिपाही बनने के लिए 14,371 युवाओं ने दी परीक्षा
सिपाही बनने के लिए 14,371 युवाओं ने दी परीक्षा

-10, 920 युवाओं ने पहल सत्र में देनी थी परीक्षा

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-7125 ने ही हाजिर रहे

-3745 युवा नहीं परीक्षा परीक्षा देने -6296 युवाओं ने शाम के सत्र में परीक्षा दी

-4424 परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे शाम के सत्र में

-21 ड्यूटी मजिस्ट्रेट किये गए थे तैनात जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : सुरक्षा ऐसी कि टोपी, जूते, मफलर, रुमाल और कलाई पर बंधा धागा तक खुलवा दिया। पैन और बेल्ट तक परीक्षा केंद्र के भीतर ले जाने की अनुमति नहीं थी। मेटल डिटेक्टर से हर युवा की जांच हुई, जिसके बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया गया। सुरक्षा के ये इंतजाम किसी संवेदनशील स्थान पर एंट्री के लिए नहीं बल्कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की ओर से रविवार को कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) की लिखित परीक्षा के लिए किए गए थे। जिले में 35 परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिनमें 14 हजार 371 परीक्षार्थियों ने सुबह व सांय दो पारियों में परीक्षा दी। सुबह की परीक्षा प्रात: 10:30 से 12 बजे तक तथा शाम की परीक्षा सांय 3 से 4:30 बजे तक हुई। पांच जगहों पर हुई जांच

परीक्षार्थियों की जांच पांच स्थानों पर की जा रही थी। सबसे पहले मेटर डिटेक्टर से तथा उसके पश्चात युवाओं के टोपी, मफलर को उतरवाया जा रहा था। यहां तक की जूतों को उतरवाकर जांच की जा रही थी तथा जूतों की तली भी जांची जा रही थी। सारा दिन राउंड पर रहे उपायुक्त व एसपी

परीक्षा को शांतिपूर्वक एवं नकल रहित करवाने के लिए प्रशासन पर भी कितना दबाव था इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उपायुक्त अशाोक कुमार शर्मा व एसपी राहुल शर्मा दिनभर परीक्षा केंद्रों के राउंड पर ही रहे। उपायुक्त ने जैन स्कूल, उमा भारती, यूरो, सूरज व माउंट लिट्रा सहित कई अन्य स्कूलों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। उनके साथ पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा व एडीसी प्रदीप दहिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

परीक्षा केंद्रों को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया था। इसके अतिरिक्त 21 ड्यूटी मजिस्ट्रेट की भी नियुक्ति की गई थी व सभी परीक्षा केंद्रों पर आब्जर्वर लगाए गए थे।

--- 300 किमी दूर तक से आए परीक्षार्थी

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए इस बार रेवाड़ी व नारनौल दोनों जगहों पर सेंटर बनाए गए थे। उम्मीद जताई जा रही थी कि ग्रुप डी की तरह जिले के युवाओं को इस बार परीक्षा देने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। रेवाड़ी के युवाओं को कैथल, करनाल, अंबाला आदि जिलों में सेंटर दिए गए थे, वहीं इन जिलों के युवा रेवाड़ी में परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। करीब 250 से 300 किमी दूरी से युवा ठिठुरती ठंड में अल सुबह ही रेवाड़ी पहुंच गए थे तथा यहां से भी बड़ी तादाद में परीक्षा देने के लिए रात को ही रवाना हो गए थे। परीक्षा समाप्त होने के बाद अपने घर लौटने के लिए भी युवाओं को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा। साधन नहीं होने के कारण बसों पर लदकर युवाओं को अपने घर जाना पड़ा।

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नहीं थी फोटो अटेस्ट, बगैर परीक्षा दिए वापस लौटे

जिन युवाओं के एडमिट कार्ड सत्यापित नहीं थे, उनको परेशानियों का सामना करना पड़ा। फोटो व एडमिट कार्ड सत्यापित नहीं होने के कारण कई युवा परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के बावजूद भी परीक्षा देने से वंचित रह गए।

-------------------- 62 प्रतिशत परीक्षार्थियों की रही उपस्थिति

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सुबह के सत्र में 10 हजार 920 युवाओं की परीक्षा थी, जिसमें से 7125 हाजिर रहे, 3745 युवा परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। इसके साथ ही शाम के सत्र में 6296 युवाओं ने परीक्षा दी और 4424 गैर हाजिर रहे। करीब 62 प्रतिशत युवा परीक्षा देने के लिए पहुंचे।

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जिला में परीक्षा पूरी तरह से नकल रहित व शांतिपूर्ण हुई है। मैं तथा अन्य अधिकारी लगातार राउंड पर ही थे। नकल का कोई केस पकड़ा नहीं गया है। पारदर्शिता से परीक्षा हो इसके लिए थोड़ी विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।

-अशोक कुमार शर्मा, उपायुक्त


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