तेज होगा भविष्य का सफर: सालभर में मिली बड़ी परियोजनाएं
रेवाड़ी में सुधर रहीं परिवहन सेवा, रेपिड रेल कारिडोर की डीपीआर हुई मंजूर
अमित सैनी, रेवाड़ी
परिवहन सेवा के मामले में जिला का भविष्य काफी सुनहरा है। इस सुनहरे भविष्य के लिए कई बड़ी परियोजनाओं की नींव वर्ष 2018 में रखी गई। दिल्ली से अलवर के बीच दौड़ने वाली रैपिड रेल के कारिडोर की डीपीआर को मंजूरी मिलने के साथ ही रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण का काम भी इस साल खासा आगे बढ़ा है। इसके साथ ही रोडवेज के बेड़े को भी नई बसों की सौगात मिली तथा बावल में नए बस अड्डे का तोहफा मिल पाया। कॉरिडोर की डीपीआर मंजूरी से बढ़ी योजना आगे
रैपिड रेल के दूसरे कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर के पहले चरण की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को हाल ही में मंजूरी मिली है। रैपिड रेल चलाने वाली कंपनी कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी मिलने के बाद अब इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ेंगे। रैपिड रेल का एक स्टेशन रेवाड़ी के बावल में बनना प्रस्तावित है। इस ट्रेन के दौड़ने से दिल्ली से अलवर तक का सफर महज 85 मिनट में ही तय हो जाएगा। रेल लाइन विद्युतीकरण की दिशा में बढ़े कदम
रेल लाइन विद्युतीकरण की दिशा में इस साल कदम आगे बढ़े हैं। रेवाड़ी-रोहतक रेलवे लाइन पर नवंबर माह में ही मुख्य सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने निरीक्षण किया था। इस लाइन पर शीघ्र ही बिजली की ट्रेन को दौड़ा दिया जाएगा। वहीं रेवाड़ी-दिल्ली लाइन के लिए भी अब ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। इसी साल के अंत तक इस लाइन पर भी बिजली का काम पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही रेवाड़ी-सादुलपुर लाइन पर भी विद्युतीकरण का टेंडर इसी साल छोड़ा गया है तथा फाउंडेशन का काम भी शुरू करदिया गया है। अलवर लाइन पर मथुरा तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुए काफी समय हो चुका है लेकिन इस साल भी इस रूट पर बिजली की ट्रेन को दौड़ाने में रेलवे सफल नहीं हो पाया है।
---------------------- बावल को मिला बस स्टैंड, तेजी से चल रहा कार्य
सड़क परिवहन के मामले में भी इस साल कुछ बड़े प्रोजेक्ट जिला को मिले हैं। जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बनवारीलाल के प्रयासों से बावल को नए बस स्टैंड का तोहफा मिला है। बस स्टैंड का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है तथा 6 करोड़ 25 लाख की लागत से इसको तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही कोसली में 5 करोड़ रुपये की लागत से रोडवेज वर्कशॉप का निर्माण होगा। इसके साथ ही रोडवेज के बेड़े में इस साल 18 नई बसों की सौगात रेवाड़ी डिपो को मिली है। वहीं चालक-परिचालकों की कमी भी काफी हद तक दूर हुई है। रेवाड़ी डिपो को 29 परिचालक व 54 चालक मिले हैं। इसके साथ ही रोडवेज की ओर से महिलाओं व छात्राओं के लिए चार स्पेशल बसें इस साल चलाई गई है। एक बस खंडोडा व एक धवाना से रेवाड़ी आती है तथा दो बसें राजकीय कन्या कॉलेज तक बेटियों को लेकर जाती है। वहीं रोडवेज में बने ट्रे¨नग स्कूल में हैवी लाइसेंस लेने वाले 140 युवाओं को हर माह बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में यह है रोडवेज का ढांचा
रोडवेज बसों की संख्या: 142
चालकों की संख्या: 224
परिचालकों की संख्या: 233
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बावल में बस स्टैंड का तोहफा बड़ा रहा है जिसका पचास प्रतिशत से अधिक का कार्य पूरा भी हो चुका है। इसके साथ ही रोडवेज में चालक व परिचालकों के मिलने से इनकी कमी पूरी हुई है तथा ज्यादा बसें ऑनरूट रह सकेंगी। 18 बसें इस बार रेवाड़ी डिपो को मिली है।
-बलवंत ¨सह गोदारा, महाप्रबंधक रोडवेज।