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वृद्धों के लिए सहारा बनेगी सोसायटी

सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देते हुए सामाजिक संगठन मोर्निंग ग्लोरी पब्लिक सोसायटी की ओर से वृद्धों के लिए आश्रय स्थल खोला जाएगा। समाजसेवी संस्था पिछले 21 वर्षों से समाज में महिलाओं बच्चों व जरूरतमंद लोगों के लिए काम कर रही है। इसमें एक कदम आगे बढ़ते हुए संस्था ने जिला में वृद्ध आश्रम खोलने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:52 AM (IST)
वृद्धों के लिए सहारा बनेगी सोसायटी
वृद्धों के लिए सहारा बनेगी सोसायटी

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देते हुए सामाजिक संगठन मोर्निंग ग्लोरी पब्लिक सोसायटी की ओर से वृद्धों के लिए आश्रय स्थल खोला जाएगा। समाजसेवी संस्था पिछले 21 वर्षों से महिलाओं, बच्चों व जरूरतमंद लोगों के लिए काम कर रही है। इसमें एक कदम आगे बढ़ते हुए संस्था ने जिला में वृद्ध आश्रम खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए गांव आसलवास में जगह चिह्नित की गई है। रविवार को मॉडल टाउन स्थित कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सोसायटी की प्रधान सलोनी सिगला ने बताया कि जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी कर निर्माण प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। आश्रम में कम से कम 50 बुजुर्गों के ठहरने और उन्हें खानपान, मनोरंजन व अध्ययन आदि की सुविधाएं होंगी। बावल स्थित जापानी कंपनी के साथ मिलकर आश्रम का निर्माण किया जाएगा।

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आश्रम संचालन के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता शकुंतला देवी चेयरपर्सन, सलोनी सिगला सचिव, चिकित्सक डॉ. ऋतु लखानी, सामाजिक कार्यकर्ता विनिता देवी, कंपनी के एचआर, अधिवक्ता अजय शर्मा, हेमंत आदि शामिल है। छात्राओं को वितरित किए नेपकिन:

सलोनी सिगला ने बताया कि इससे पहले संस्था की ओर से कौशल प्रशिक्षण, यौन शोषण, एचआइवी, एड्स, नशा मुक्ति, घरेलू हिसा, सड़क सुरक्षा, पर्यावरण, भ्रूण हत्या रोकथाम जैसे सामाजिक सरोकारों पर लगातार काम कर रही है। संस्था झुग्गी झोपड़ियों में बच्चों की शिक्षा एवं किशोर लड़कियों को मासिक धर्म संबंधित जागरुकता अभियान चला रही है। अब तक सरकारी और निजी स्कूलों में जाकर छात्राओं को करीब साढ़े चार हजार सेनिटरी नेपकिन नि:शुल्क वितरित कर चुकी है। इसके अलावा संस्था की वेबसाइट एमजीपीएसइंडिया.ओआरजी पर यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायत दर्ज कराती हैं, जिस पर शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखते हुए मामले की जांच कर समस्या का निवारण कराया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल से संस्था को भारत सरकार के महिला एवं बाल मंत्रालय द्वारा यौन शोषण अधिनियम 2013 के अंतर्गत रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में चयनित किया गया है। इस मौके पर निरीक्षण अधिकारी ऋतिका, ललित शर्मा, विमला देवी, हेमंत आदि उपस्थित थे।


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