एक महीने पूर्व ही पड़ा था दिल का दौरा, फिर भी गए अयोध्या
अयोध्या में 5 अगस्त को राममंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा। सालों बाद वो घड़ी आखिर आ ही गई जिसके लिए कार सेवकों ने जेल में में समय गुजारा।
अमित सैनी, रेवाड़ी
अयोध्या में 5 अगस्त को राममंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा। सालों बाद वो घड़ी आ रही है जिसका रामभक्तों को इंतजार था। ऐसे न जाने कितने कारसेवक थे, जो करीब 28 साल पूर्व अयोध्या में हुए राममंदिर आंदोलन में शामिल हुए थे तथा कारसेवा करने जाते समय गिरफ्तारी दी थी। शहर के ही रहने वाले अजय रुस्तगी भी इनमें से ही एक हैं। आज जब राममंदिर का भूमि पूजन होने जा रहा है तो अजय रुस्तगी की भी यादें ताजा हो रही हैं। मुझे पूरा विश्वास था, मंदिर बनकर रहेगा शहर निवासी अजय रुस्तगी की आज खुशी का ठिकाना नहीं है। अजय बताते हैं कि नवंबर 1992 में मुझे दिल का दौरा पड़ गया था। कई दिनों तक अस्पताल में भी रहा था तथा शारीरिक तौर पर काफी दुर्बल हो गया था। इसी बीच मुझे साथी कार्यकर्ताओं से जानकारी मिली कि दिसंबर में कारसेवा के लिए अयोध्या जाना है। मैंने ठान लिया था कि चाहे जो भी हो जाए मैं कारसेवा के लिए जरूर जाउंगा। अपने साथियों के साथ अयोध्या के लिए रवाना भी हो गया। हालांकि यूपी में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त थी। उन्नाव में ट्रेन में से ही मेरी व मेरे साथियों की गिरफ्तारी कर ली गई थी। हमें अस्थायी तौर पर बनाई गई जेल में रखा गया। खाना हम लोगों को मिलकर ही बनाना पड़ता था। 8 दिनों तक मैं जेल में रहा था। उन यादों को कभी भुला नहीं सकूंगा।
पिछले साल नवंबर में राममंदिर को लेकर जब फैसला आया तो भी अजय की आंखों से झर-झर आंसू बह रहे थे। आज वो फूले नहीं समां रहे हैं क्योंकि उनका सपना जो पूरा होने जा रहा है।