कोरोना काल में खुला सरकारी स्कूलों का भाग्य
कोरोना काल सरकारी स्कूलों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : कोरोना काल सरकारी स्कूलों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। सरकारी स्कूलों में जहां हर साल विद्यार्थियों की संख्या घट रही थी वहीं इस बार प्रतिदिन बड़ी तादाद में विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने पहुंच रहे हैं। सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड का दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम आने के बाद तो दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की तादाद और भी बढ़ गई है। 2200 विद्यार्थी करा चुके हैं दाखिला जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से बारहवीं में अब तक 2200 नए विद्यार्थी दाखिला ले चुके हैं। स्कूल मुखियाओं की ओर से ऑनलाइन दाखिलों के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जो हर रोज नए विद्यार्थियों के दाखिले को एमआइएस पोर्टल पर अपलोड करते हैं। कोरोना काल में सरकारी स्कूलों के प्रति विद्यार्थियों के बढ़ते रूझान का पहला कारण मामूली फीस में पढ़ाई को माना जा रहा है।
दूसरा कारण हाल ही में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए दसवीं कक्षा परिणाम में जिला प्रदेशभर में प्रथम स्थान पर रहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। ----
अख रहा निजी स्कूल की भारी भरकम फीस देना सरकारी स्कूलों में दाखिले का एक बड़ा कारण निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस है। कोरोना संक्रमण के चलते निजी स्कूलों में भी ऑनलाइन ही पढ़ाई कराई जा रही है तथा इनकी फीस भारी भरकम है। वहीं ज्यादातर माता-पिता कोरोना संक्रमण के इस दौर में अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में बिना बच्चे को स्कूल भेजे निजी स्कूल की मोटी फीस चुकाने के बजाय वे इस वर्ष सरकारी स्कूल में ही अपने बच्चों का दाखिला करा रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई तो सरकारी स्कूल भी करा रहे हैं।
----------- कोरोना काल के दौरान सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से बेहतर पढ़ाई कराई गई है। शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए बहुत अच्छा कार्य किया गया है जिसके चलते अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर विश्वास बढ़ा है। - राजेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी