एसडीएम ने कहा: तब जाकर पॉजिटिव परिवार की ली सुध
एसडीएम साहब मेरे परिवार में तीन सदस्य कोरोना पॉजिटिव आ चुके है लेकिन स्वास्थ्य विभाग सुनवाई नहीं कर रहा है। एक युवक ने फोन करके एसडीएम से गुहार लगाई तो उन्होने भी तुरंत एक्शन लिया तब जाकर परिवार को राहत मिली
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : एसडीएम साहब, मेरे परिवार में तीन सदस्य कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। तीन दिन हो गए इनको पॉजिटिव आए हुए, लेकिन मुझे आजतक नहीं पता कि करना क्या है? पहले दिन ही स्वास्थ्य विभाग को सूचना दे दी गई थी लेकिन आजतक भी कोई सुध लेने नहीं आया है। यह दर्द था मॉडल टाउन निवासी उस परिवार का जिन्हें तीन दिन तक नागरिक अस्पताल से निर्देश आने का इंतजार रहा लेकिन जब कोई नहीं आया तो थक हारकर एसडीएम रविद्र यादव को ही फोन करना पड़ा। कोरोना पॉजिटिव की सुध नहीं लेने की जानकारी जब एसडीएम को मिली तो उन्होंने तुरंत से कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. विजयप्रकाश को फोन लगाया तथा पूरी लापरवाही बताई। इसके बाद कोरोना नोडल अधिकारी ने परिवार से बात की और तब कहीं जाकर उन लोगों से स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने संपर्क साधा। यह पीड़ा सिर्फ अकेले मॉडल टाउन निवासी परिवार की ही नहीं है बल्कि उन ज्यादातर लोगों की सामने आ रही है, जो इन दिनों कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व शहर के मोहल्ला आनंद नगर की रहने वाली एक महिला को भी ऐसी ही परेशानियों से जूझना पड़ा था।
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ऐसे कैसे कम होगा संक्रमण कोरोना फैलने का एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि मरीज के पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद भी कई-कई दिनों तक उनसे कोई संपर्क ही नहीं साधा जाता। कहने को तो स्वास्थ्य विभाग का दावा रहता है कि उन्होंने कई टीमों का गठन किया हुआ है तथा हर पॉजिटिव से स्वास्थ्य कार्यकर्ता संपर्क साधता है लेकिन ऐसा वास्तविकता में कहीं नजर नहीं आता। बड़ी दिक्कत यह है कि पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी मरीज को यह पता नहीं चल पाता कि उसे करना क्या है। घर में रहना कैसे है और क्या खाना है, कौन सी दवा लेनी है। समय पर जानकारी मिल नहीं पाती जिसके चलते ही कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद भी लोग घर से बाहर घूमते रहते हैं। यहां तक कि उनके घरों के बाहर विभाग द्वारा समय पर पोस्टर भी नहीं चिपकाए जा रहे हैं, जिससे दूसरे लोगों की आवाजाही भी पॉजिटिव केसों के घर पर हो रही है।
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सीधे विभाग के पास पहुंचती है हर मामले की जानकारी ऐसा नहीं है कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद किसी तरह की जानकारी स्वास्थ्य विभाग से छिपती है। निजी लैब व अस्पतालों में भी जो लोग जांच कराते हैं उनकी रिपोर्ट भी सीधे नागरिक अस्पताल में पहुंचती है। इसके बावजूद भी समय पर मरीजों को गाइडलाइन नहीं मिल रही तो कहीं न कहीं यह खामी भी केस तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार है।
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विभाग इस दिशा में हर स्तर पर गंभीरता से कार्य कर रहा है। कई बार मरीज की जानकारी आने में ही देरी हो जाती है या फिर पता व मोबाइल नंबर का मिलान नहीं हो पाता। हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता होम क्वारंटाइन किए जाने वाले हर पॉजिटिव मरीज से संपर्क साधकर उन्हें जानकारी देते हैं। कोई खामी रह रही है तो उसे भी दुरुस्त किया जाएगा।
-डॉ. विजयप्रकाश, कोरोना नोडल अधिकारी