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शिवरात्रि आज, विशेष नियमों के साथ होगा जलाभिषेक

भगवान भोलेनाथ का पवित्र पर्व शिवरात्रि आज है। शिवरात्रि के पावन अवसर पर विशेष तैयारी की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 06:14 AM (IST)
शिवरात्रि आज, विशेष नियमों के साथ होगा जलाभिषेक
शिवरात्रि आज, विशेष नियमों के साथ होगा जलाभिषेक

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : भगवान भोलेनाथ का पवित्र पर्व शिवरात्रि आज है। शिवरात्रि के पावन अवसर पर करीब चार महीनों के बाद रविवार को मंदिरों के कपाट भी खुलेंगे। जिला प्रशासन की ओर से विशेष नियमों के साथ शिवरात्रि के दिन पूजा के लिए सुबह 5 से रात 10 बजे तक मंदिर खोलने की अनुमति दी गई हैं। मंदिरों में पूजा करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का आवश्यक रूप से पालन करना होगा। मंदिर प्रबंधन की ओर से भी इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। शिव भक्तों का मानना है कि शिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी मन्नत पूरी होती हैं। धर्माचार्यों के अनुसार शिवभक्त घर पर रहकर भी भगवान शिव की अराधना कर सकते हैं। मंदिरों में हुई तैयारी शहर के प्रमुख शिवालयों मोती चौक स्थित घंटेश्वर महादेव मंदिर, बारह पत्थर स्थित महादेव मंदिर, नई अनाजमंडी स्थित श्री शिव मंदिर, सेक्टर एक स्थित सोलाराही भूतेश्वर महादेव मंदिर, लियो चौक स्थित पंचमुखी महादेव मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए कोविड के चलते विशेष व्यवस्था की गई हैं। इसी प्रकार कस्बा और ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की हुईं हैं। भगवान शिव की पूजा में गंगाजल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त भगवान शिव की पूजा में लगने वाले भोग में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, कलावा, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, फूल, बेलपत्र, दूर्वा, फल विजिया, आक, धतूरा, कमल गट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंच मेवा, धूप, दीप आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है। इन नियमों का करना होगा पालन शिवरात्रि के दिन मंदिर में सामूहिक आरती, पूजा अर्चना तथा श्रद्धालुओं को भीड़ एकत्रित करने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं को प्रसाद, लंगर बांटने तथा पवित्र जल छिड़कने व बांटने की अनुमति नहीं है। प्रबंधन समिति द्वारा मंदिर परिसर को समय-समय पर सैनिटाइज कराना होगा। सभी पूजा स्थल या मंदिर प्रबंधन समिति को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा 4 जून को जो गाइडलाइन जारी की गई थी उसकी पालना करनी होगी। एक-एक श्रद्धालु ही मंदिरों में प्रवेश करके पूजा अर्चना करेंगे। मास्क व शारीरिक दूरी के नियमों का पालना करना होगा।

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