चिकित्सक बन जरूरतमंदों की सेवा करना चाहते हैं होनहार
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बुधवार को दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित हो गया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से बुधवार को दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। बेहतरीन अंक लेकर सफल हुए अधिकांश होनहार चिकित्सक बनना चाहते हैं। कोरोना काल में इन बच्चों ने चिकित्सकों की मेहनत को काफी नजदीक से देखा है और अब अधिकांश का सपना यही है कि वे भी सफेद कोट पहनकर अपने राष्ट्र की सेवा करें। इन बच्चों का मानना है कि मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है। सभी विद्यार्थी हर रोज 6 से 7 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई करते थे जिसका परिणाम सभी के सामने है। टीना ने कहा: मेरा सपना पूरा हुआ शहर निवासी व दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा टीना सपड़ा पुत्री श्याम सुंदर सपड़ा ने 99.2 फीसद अंक प्राप्त करके अपने विद्यालय एवं अभिभावकों का नाम रोशन किया है। विद्यालय का दावा है कि टीना ने जिलेभर में टॉप किया है। टीना का कहना है कि उसका सपना 99 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने का था और उसका यह सपना पूरा हुआ। टीना का कहना है कि वह साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है। उनकी बड़ी बहन श्रद्धा सपड़ा भी कंप्यूटर इंजीनियर हैं और गुरुग्राम स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। उनके पिता श्याम सुंदर सपड़ा बिजनेसमैन है। पिता का कहना कि टीना को कभी पढ़ाई के लिए नहीं कहना पड़ता है, क्योंकि उसे खुद ही पढ़ाई की चिता रहती है। टीना शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। कक्षा में सौ फीसद उपस्थिति के लिए टीना को स्कूल में चार-पांच बार अवार्ड भी मिल चुका है। पिता श्याम सुंदर ने बताया कि टीना की इस उपलब्धि पर रिश्तेदारों एवं साथियों से फोन पर बधाइयां मिल रही हैं।
--------- पढ़ाई के समय सिर्फ पढ़ाई पर फोकस राष्ट्रीय स्कूल खंडोड़ा की छात्रा अंशु यादव पुत्री विरेंद्र यादव ने दसवीं कक्षा में 98.8 फीसद अंक लेकर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है। अंशु यादव हरियाणा बार्डर पर स्थित राजस्थान के गांव फौलादपुर की निवासी हैं। उनके पिता विरेंद्र सिंह गणित के अध्यापक हैं। अंशु यादव ने बताया कि उनका लक्ष्य चिकित्सक बनना है और वे इसके लिए शुरू से ही तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए उन्होंने कभी भी समय निर्धारित नहीं किया। जितने घंटे पढ़ाई की उस समय केवल पढ़ाई पर ही फोकस किया। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने शिक्षकों एवं अभिभावकों को दिया है।
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पांच बजे उठकर पढ़ना आया काम
शहर के सेक्टर चार निवासी व कैंब्रीज स्कूल के छात्र अविरल पुत्र पंकज श्रीवास्तव ने दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में 98.5 फीसद अंक लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है। पिता पंकज श्रीवास्तव एचडीएफसी बैंक में मैनेजर हैं। अविरल का कहना है कि स्कूल से आने के बाद चार-पांच घंटे सिलेबस का रीविजन करना रूटीन था वहीं पांच बजे सुबह उठकर भी नियमित तौर पर पढ़ाई की जाती थी। अविरल का सपना डॉक्टर बनने का है और वह नीट की तैयारी कर रहा है। बेटे की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।
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चिकित्सक बनना चाहते हैं विशु गांव मामड़िया निवासी व राव खेमचंद विद्या विहार स्कूल के छात्र विशु शर्मा पुत्र सीताराम शर्मा ने 98 फीसद अंक लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है। विशु ने बताया कि उनका लक्ष्य चिकित्सक बनना है और वे इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई को प्लानिग के साथ करना चाहिए क्योंकि इससे पढ़ाई करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। पढ़ाई जब भी करें पूरा मन उसी में लगा दें। पिता सीताराम ने बताया कि स्कूल से आने के बाद विशु तीन चार घंटे पढ़ाई करता था। सुबह 4 बजे उठकर भी नियमित तौर पर पढ़ाई की जिसके चलते यह कामयाबी मिली। विशु का सपना चिकित्सक बनकर लोगों की सेवा करना है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।
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शिक्षक बनना चाहती हैं मानसी बावल कस्बा निवासी व राष्ट्रीय स्कूल खंडोड़ा की छात्रा मानसी पुत्री अरविद अदलखा ने 98 फीसद अंक प्राप्त किए हैं। पिता अरविद अदलखा ने बताया कि मानसी शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। मानसी का सपना मेडिकल लाइन में शिक्षक बनने तथा शोध करने का है। दसवीं कक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए मानसी हर रोज 7 से 8 घंटे पढ़ाई करती थी। इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।
------------- इंजीनियर बनना चाहते हैं शिवम शहर के शांति नगर निवासी व होली चाइल्ड स्कूल के छात्र शिवम वशिष्ठ पुत्र नरोत्तम कुमार ने 98 फीसद अंक लेकर विद्यालय का नाम रोशन किया है। शिवम ने बताया कि वे रोजाना चार से पांच घंटे पढ़ाई करते थे और मन लगाकर अच्छे से पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया कि 11वीं कक्षा के लिए उन्होंने नॉन मेडिकल के लिए आवेदन किया हुआ है और उनका सपना इंजीनियर बनने का है।