कोरोना से युद्ध में जुटे हैं युद्धवीर
अब युद्ध कोरोना से है और इसमें वही विजयी रहेंगे जिनका शरीर स्वस्थ हो। इसके लिए योग सबसे अच्छा साधन माना जाता है।
अमित सैनी, रेवाड़ी
अब युद्ध कोरोना से है और इसमें वही विजयी रहेंगे, जिनका शरीर स्वस्थ होगा। कोरोना से ऐसा ही युद्ध लड़ रहे हैं जिले के गांव बंगड़वा निवासी व वर्तमान में शहर की शक्ति नगर कॉलोनी के रहने वाले युद्धवीर। युद्धवीर को मालुम है कि संकट की इस घड़ी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना है तो योग व प्राणायाम करना ही होगा। घर पर रहकर भी वह न सिर्फ स्वयं योग कर रहे हैं बल्कि फेसबुक पर लाइव प्रसारण करके रोजाना अपने साथ जुड़े साधकों को भी योग करा रहे हैं। योग दिखा रहा जीवन की राह युद्धवीर वर्तमान में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला प्रभारी की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वर्ष 2009 में वे भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़े थे। उस समय वे एक निजी इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत थे। युद्धवीर बताते हैं कि ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव राजीव दीक्षित उस समय रेवाड़ी आए थे तथा वह उनके विचारों से काफी प्रभावित हुए थे। मई 2009 में वह पहली बार हरिद्वार में आयोजित योग शिविर में हिस्सा लेने के लिए गए थे तथा इसके बाद से ही उन्होंने योग का साथ नहीं छोड़ा। योग ही अब उनके जीवन की राह बन चुका है। लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने योग की साधना नहीं छोड़ी है। बेटा केशव यादव व परिवार के अन्य सदस्य भी रोजाना युद्धवीर के साथ ही योग कर रहे हैं। युद्धवीर वर्तमान में साधकों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए जारी किए गए आसनों के प्रोटोकॉल के अनुसार ऑनलाइन ही तैयारी करा रहे हैं। प्राणायाम है बेहद अहम युद्धवीर का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए हमें श्वसन तंत्र को मजबूत करना होगा। भस्त्रिका, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम का गहरी सांसों के साथ अभ्यास करें। इसके साथ ही गिलोय, कालीमिर्च, तुलसी व अश्वगंधा का काढ़ा लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। युद्धवीर का कहना है कि अगर नियमित योग व प्राणायाम करेंगे तो कोरोना आसपास भी नहीं आ सकता।