मजबूत और अनुशासित सरकार ही कर सकती है देश का विकास
लोकतंत्र के महापर्व में आहूति डालने के लिए मतदाता पूरी तरह से तैयार है। मतदाताओं का क्या मिजाज है तथा उनकी आने वाली सरकार से क्या कुछ उम्मीदें है इसको लेकर शहर के सेक्टर एक में दैनिक जागरण की ओर से चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में मतदाताओं ने मुखर होकर अपनी बातें रखी। अपने-अपने तर्क व अपनी-अपनी बातों के बीच सभी एक चीज को लेकर एक राय थे कि मजबूत और अनुशासित सरकार ही देश का विकास कर सकती है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : लोकतंत्र के महापर्व में आहूति डालने के लिए मतदाता पूरी तरह से तैयार है। मतदाताओं का क्या मिजाज है और उनकी आने वाली सरकार से क्या कुछ उम्मीदें है इसको लेकर शहर के सेक्टर एक में दैनिक जागरण की ओर से चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में मतदाताओं ने मुखर होकर अपनी बातें रखी। अपने-अपने तर्क व अपनी-अपनी बातों के बीच सभी एक चीज को लेकर एक राय थे कि मजबूत और अनुशासित सरकार ही देश का विकास कर सकती है। जमकर हुई बहस, खूब चले तीर
चौपाल में मौजूद सेक्टर एक के लोगों के बीच हर विषय पर जमकर बहस चली। चर्चा के बीच मुद्दा उठा कि देश के लिए सरकार वही बेहतर रहेगी, जो पूरी तरह से मजबूत हो। खिचड़ी सरकार से देश का काम नहीं चलने वाला। इसके साथ ही मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार कुछ ज्यादा ही प्रचार प्रसार हो रहा है। निश्चित तौर पर इसके बेहतर परिणाम भी सामने आएंगे। भ्रष्टाचार, महंगाई व रोजगार के मुद्दों पर भी खूब बहस हुई। मौजूद लोगों का मानना था कि भ्रष्टाचार कम हुआ है लेकिन रोजगार, महंगाई व किसानों के मुद्दे पर और काम करने की जरूरत है। आने वाली सरकार ऐसी ही हो जो आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर काम करे। स्थानीय उद्योगों में यहीं के युवाओं को रोजगार मिले इस बार को प्रबल करने वाले को ही प्राथमिकता मिले।
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भ्रष्टाचार घटा है, लेकिन रोजगार को लेकर दिशा देने व काम करने की जरूरत है। एक ही कर्मचारी को भारी भरकम तनख्वाह देने की बजाय संख्या के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को रोजगार दिया जाए। पढ़ाई पूरी करते ही युवा को नौकरी मिले ऐसी व्यवस्था पर आने वाली सरकार ध्यान दें।
-बिजेंद्र
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लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान सभी का अधिकार है। मेरा मानना है कि जो व्यक्ति वोट न दे उसको सरकार को भला बुरा कहने का कोई अधिकार नहीं है। हर व्यक्ति मतदान करें यह सुनिश्चित करना होगा, इसमें ही लोकतंत्र की सफलता है।
-हनुमत सिंह
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लघु व मध्यम उद्योगों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। नई सरकार ऐसी नीति लेकर आए जिससे इन उद्योगों को बढ़ावा मिले ताकि रोजगार के अवसर पैदा हो सके। ऋण का सरलीकरण हो तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी सुविधा मिले।
-विरेंद्र शर्मा
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इस देश की रीढ़ किसान है। किसानों के हालात में अभी उतना सुधार नहीं हो पाया है जितना हो जाना चाहिए था। सालों साल से आज भी किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा है। किसान को उसकी फसल का पूरा दाम मिले तथा मुआवजा देने से भी सरकार पीछे न हटे।
-रण सिंह
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एक तरफ हम मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए देशभर में अभियान चला रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वोटिग मशीन में नोटा का विकल्प दे दिया गया है। असल में नोटा तो लोकतंत्र का सबसे बड़ा हत्यारा है। इससे चुनाव मजाक बनकर रह गए हैं। कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं ऐसा हो ही नहीं सकता।
-हर्ष कुमार
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देश को एक अनुशासित सरकार चाहिए जो मजबूती से राष्ट्र की तरक्की के लिए निर्णय ले सके। कुछ मुद्दों पर पूर्व की सरकार ने काम किया लेकिन अभी भी किसानों और रोजगार के लिए काम करने की जरूरत है।
-जसवंत सिंह, प्रधान सेक्टर एक आरडब्ल्यूए।
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हमारे आसपास बावल व धारूहेड़ा में छोटे व बड़े सभी तरह के उद्योग है लेकिन आज भी हमारे यहां का नौजवान नौकरी के लिए भटकता है। स्थानीय उद्योगों में हमारे युवाओं को नौकरी मिले यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। जीतने वाला प्रत्याशी इस बात पर गौर करें तो बेहतर होगा।
-अनिल कुमार
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कश्मीर देश का एक बड़ा मसला बन चुका है। आतंकवाद भी अब और अधिक सहन नहीं होगा। धारा 370 व 35ए को खत्म करने वाली सरकार आए तथा इस दिशा में मजबूती से निर्णय लिया जाए ताकि हमें और बलिदान न देना पड़े।
-हरिकृष्ण
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कौशल विकास की ओर कदम तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान मिले तथा यहीं उद्योगों में रोजगार भी मिल जाए इसको लेकर आने वाली सरकार व सांसद काम करे। जनता की आवाज को उठाए तथा युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में काम हो।
-बलजीत यादव