आतंकियों का सफाया करके लौटूंगा
पिछली बार आतंकवादियों को पकड़कर लाया था लेकिन इस बार उनका सफाया करके ही लौटूंगा। ये आखिरी शब्द थे शहीद हरि¨सह के, जो उन्होंने फोन पर बातचीत के दौरान अपनी पत्नी से कहे थे। इन शब्दों से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि राजगढ़ गांव का यह लाड़ला बेटा अपने वतन से किस कदर प्यार करता था।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : पिछली बार आतंकवादियों को पकड़कर लाया था, लेकिन इस बार उनका सफाया करके ही लौटूंगा। ये आखिरी शब्द थे शहीद हरि ¨सह के, जो उन्होंने फोन पर बातचीत के दौरान अपनी पत्नी से कहे थे। इन शब्दों से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि राजगढ़ गांव का यह लाडला बेटा अपने वतन से किस कदर प्यार करता था। शनिवार को हरि ¨सह ने कश्मीर से ही अपनी पत्नी से फोन पर आखिरी बार बातचीत की थी। बेटे व मां का हालचाल जाना था और पत्नी को कहा था कि पिछली बार की तरह इस बार आतंकवादियों को पकड़कर नहीं लाऊंगा बल्कि उन्हें साफ ही कर दूंगा। शहीद हरि ¨सह के भीतर भी पुलवामा हादसे के बाद आतंकवादियों से बदले की आग इस कदर धधक रही थी कि अपने साथियों की मौत का बदला लेने के लिए खुद के प्राणों तक को न्यौछावर कर डाला। जिसने सुना वह दौड़ पड़ा शहीद के घर की ओर श्रीनगर के पुलवामा पिगलीना में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुये 55-आरआर बटालियन के सिपाही और जिला के गांव राजगढ़ निवासी सिपाही हरी ¨सह स्वभाव से बेहद मिलनसार थे। गांव के लोग व दोस्त भोलू के नाम से जानते थे। पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में रेवाड़ी के जवान हरि ¨सह की शहादत का समाचार जैसे ही गांव के लोगों को पता चला, वे शहीद के घर की तरफ दौड़ पड़े। देखते ही देखते शहीद के घर के बाहर लोगों का जमावड़ा लग गया। आंखे नम थी लेकिन अपने बेटे की शहादत पर हर किसी को गर्व भी था। शहीद के चचेरे भाई विजय ¨सह ने कहा कि हरि ¨सह की शहादत पर पूरे गांव को गर्व है। पड़ोसी देश आए दिन हमला कर रहा है तथा हमारे निर्दोष सैनिक शहीद हो रहे है। सरकार को पाकिस्तान की हरकतों पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है। सरकार व सेना कोई ऐसा कदम उठाए, जिससे पाकिस्तान व उसके आतंकवादी कभी पलटकर भी ऐसी हरकत दोबारा करने की हिम्मत न जुटाए।
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एसडीएम पहुंचे गांव में, परिजनों से मिले
शहीद हरि ¨सह के बारे में जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त ने अपने कार्यालय में तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके पश्चात एसडीएम बावल कुशल कटारिया गांव राजगढ़ में पहुंचे तथा शहीद के परिजनों से मुलाकात की। सुबह 8 बजे शहीद का गांव में ही सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।