हरियाणा से एक ही ललकार, चलो एक बार अंडमान-निकोबार!
सावरकर की शहादत को नमन करने के लिए ही नहीं बल्कि उन तमाम ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति में मुक्ति यज्ञ भी किया जाएगा, जिन्होंने सेल्युलर जेल में अंग्रेजों की यातनाएं झेली थीं।
रेवाड़ी [जेएनएन]। अंडमान निकोबार स्थित सेल्युलर जेल की कोठरी नंबर 123 । यही वह बैरक थी, जिसमें भारत माता के वीर सपूत विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजो के जुल्म सहे थे। इसी कोठरी को तीर्थ मानते हुए हरियाणा से 51 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अगले माह अंडमान निकोबार की यात्रा पर जाएगा।
सावरकर की शहादत को नमन करने के लिए ही नहीं बल्कि उन तमाम ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति में मुक्ति यज्ञ भी किया जाएगा, जिन्होंने सेल्युलर जेल में अंग्रेजों की यातनाएं झेली थीं। वीर सावरकर विचार मंच रेवाड़ी के संस्थापक श्रीनिवास शास्त्री की पहल पर अंडमान जाने वाली इस यात्रा में महाराणा प्रताप जयंती समिति का विशेष योगदान है। प्रतिनिधिमंडल में रेवाड़ी के अलावा गुड़गांव व अन्य स्थानों से भी सावरकर भक्त पोर्ट ब्लेयर पहुंचेंगे।
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यह यात्रा 24 फरवरी को पालम एयरपोर्ट से वीर सावरकर एयरपोर्ट अंडमान के लिए रवाना होगी और 26 फरवरी को वीर सावरकर के निर्वाण दिवस पर उसी कोठरी में यज्ञ किया जाएगा, जिसमें वीर सावरकर बंद थे।लोकनिर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह सहित कई अन्य प्रमुख लोगों ने यात्रा में सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया है।
महाराणा प्रताप जयंती समिति के अलावा रेजांगला शौर्य समिति के महासचिव का दायित्व संभाल रहे नरेश चौहान एडवोकेट व कई अन्य लोग भी इस यात्रा की कामयाबी में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को मॉडल टाउन स्थित ज्योतिष दरबार में यात्रा को कामयाब बनाने के संबंध में बैठक हुई। श्रीनिवास शास्त्री ने नारा दिया। हरियाणा से एक ही ललकार, चलो एक बार अंडमान निकोबार।
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