रहते हैं शहर में और खाना चाहते हैं बिल्कुल फ्रेश हरी सब्जी, अपनाइए ये तरीका; पैसा भी बचेगा
डा. सीमा मित्तल बताती हैं कि अपनी व्यस्तता के बावजूद उन्होंने पिछले साल भी सब्जियां लगाई थी और इस साल भी लगाई हैं। बाजार में सब्जियां बहुत महंगी हो रही है। आपकी जरा सी मेहनत से सब्जियों पर खर्च होने वाले हजारों रुपये बचते हैं।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। थोड़ी सी मेहनत करके सब्जियों की अपनी जरूरतों को आप घर पर ही पूरा कर सकते हैं। हमारी बातों पर अगर यकीन नहीं आए तो शहर की वरिष्ठ चिकित्सक डा. सीमा मित्तल के किचन गार्डन में आकर खुद पूरी तस्वीर को देख सकते हैं। डा. सीमा के किचन गार्डन में बैंगन हो या फिर हरी मिर्च व तोरई-घिया आदि सब्जियां खूब लग रही है। इन सब्जियों से ही उनकी घर की जरूरतें पूरी हो रही है।
तीन से चार माह में मिलने लगती है आर्गेनिक सब्जियां
हनुमान मंदिर के निकट स्थित अपने अस्पताल व आवास की छत पर ही डा. सीमा मित्तल ने किचन गार्डन बनाया हुआ है। इसके अतिरिक्त साथ में ही छोड़ी गई खाली जमीन पर भी वह सब्जियां उगा रही है। अपने किचन गार्डन में उन्होंने जून माह में कई सब्जियों के बीज डाले थे।
महज चार माह में ही अब सब्जियां उगने भी लगी है। डा. सीमा बताती है कि उनके किचन गार्डन में लगी सब्जियां पूरी तरह से आर्गेनिक है। जैविक खाद को वह अपने घर पर ही तैयार करती हैं।
रसोई घर में बचने वाली सब्जियां, उनके छिलके व अन्य खाने-पीने के सामान से जैविक खाद तैयार की जाती है। डा. मित्तल ने बताया कि इसके अतिरिक्त वह सब्जियों की पौध में लगातार नीम का कड़वा तेल भी दे रही थी जिससे दीमक व कीटाणु का खतरा नहीं रहा।
जरा सी मेहनत से बचते हैं हजारों
डा. सीमा मित्तल बताती हैं कि अपनी व्यस्तता के बावजूद उन्होंने पिछले साल भी सब्जियां लगाई थी और इस साल भी लगाई हैं। बाजार में सब्जियां बहुत महंगी हो रही है। आपकी जरा सी मेहनत से सब्जियों पर खर्च होने वाले हजारों रुपये बचते हैं।
इतना ही नहीं घर की शुद्ध सब्जियां भी खाने को मिलती है। उन्होंने कहा कि घर पर गमलों में ही इनको लगाया जा सकता है। कच्ची जमीन हो तो और भी कई सब्जियां लगाई जा सकती है।
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