Move to Jagran APP

'हर हाल में इन्हें जीना आता है' देश की 74,000 महिलाओं पर किए सर्वे में खुलासा

भारतीय महिलाओं को कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भी जीवन को समान भाव से जीना आता है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 02:07 PM (IST)
'हर हाल में इन्हें जीना आता है' देश की 74,000 महिलाओं पर किए सर्वे में खुलासा
'हर हाल में इन्हें जीना आता है' देश की 74,000 महिलाओं पर किए सर्वे में खुलासा

रेवाड़ी [अमित सैनी]। भारतीय महिलाएं विषय परिस्थितियों में भी खुश रहना जानती हैं। कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भी जीवन को समान भाव से जीना उन्हें आता है। देश की 74 हजार महिलाओं पर किए गए सर्वेक्षण के बाद यह बात सामने आई है। दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र संस्था के बैनर तले किए गए इस सर्वेक्षण में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से अहम भूमिका निभाई गई। सर्वेक्षण की रिपोर्ट सोमवार को महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपी गई।

loksabha election banner

राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने के पश्चात हरियाणा के रेवाड़ी पहुंची अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय छात्र प्रमुख ममता यादव ने इस सर्वेक्षण को लेकर दैनिक जागरण के साथ विस्तार से बातचीत की। ममता यादव ने बताया कि ‘भारत में महिलाओं की स्थिति’ विषय को लेकर किए गए इस सर्वेक्षण में महिलाओं से जुड़े हर पहलू को छुआ गया है, ताकि उनकी वास्तविक स्थिति का हर पक्ष सामने आ सके।

सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित महिलाओं से लेकर कश्मीर में बार्डर के निकट के गांवों में रहने वाली महिलाओं तक की मनोस्थिति का अध्ययन किया। किस क्षेत्र की महिलाओं के लिए क्या आवश्यक है और कौन से क्षेत्र में महिला उत्थान के लिए ज्यादा कार्य करने की आवश्यकता है, यह सब इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है। मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाली महिलाओं का स्तर कैसे उठाया जा सकता है, खेतीबाड़ी से जुड़ी महिलाओं की जरूरतें क्या हैं, इन तमाम सवालों के जवाब सर्वेक्षण में ढूंढ़ा गया है। देश के हर हिस्से में रहने वाली और अलग-अलग कार्यक्षेत्र से जुड़ी महिलाओं की चुनौतियां और उनके निवारण के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है इसे रिपोर्ट में सारगर्भित तरीके से दिया गया है।

इस तरह किया गया सर्वेक्षण

ममता यादव बताती हैं कि इस सर्वेक्षण में दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रमुख सहयोगी के तौर पर काम किया है। सर्वेक्षण में देश के 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों की 74 हजार महिलाओं को शामिल किया गया। सर्वे 1081 टीमों में बंटकर देश भर में निकलीं महिलाओं ने किया है। 485 जिलों की महिलाओं से बातें कर यह सर्वे तैयार किया गया। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे 106 में से 70 जिलों की महिलाओं को भी सर्वे में शामिल किया गया। इस सर्वे में 21.96 प्रतिशत अविवाहित लड़कियां और शेष विवाहित महिलाएं शामिल थीं। किस क्षेत्र की महिलाओं के समक्ष क्या चुनौतियां हैं, यह हमने बेहद करीब से जाना है। भारतीय महिलाएं विपरीत परिस्थितियों में भी सिर्फ जीना ही नहीं खुश रहना भी जानती हैं। शीघ्र दबाव में नहीं आतीं और निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं। जरूरत है कि महिलाओं की सामाजिक और राजनीतिक सहभागिता को बढ़ाया जाए तथा उनके कार्य को सम्मान दिया जाए।

  • महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए विशेष प्रोग्राम चलाने की आवश्यकता है।
  • शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है तथा महिलाओं के लिए स्किल ट्रेनिंग, फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम हर स्तर पर शुरू किए जाएं।
  • फीमेल ड्रॉपआउट रेट कम करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं।
  • रिसर्च फील्ड में लड़कियों व महिलाओं को लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
  • लैंगिक समानता के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाए।
  • महिलाओं को रोजगार के लिए जागरूक किया जाए।
  • नौकरियों में महिलाओं को उम्र व अनुभव को लेकर विशेष छूट दी जाए।
  • असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए मॉनिटरिंग एजेंसी बनाई जाए।
  • आदिवासी इलाकों में रहने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य स्तर को लेकर विशेष प्रोग्राम चलाए जाएं।
  • दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र की तरफ से किया गया देश की 74 हजार महिलाओं पर सर्वेक्षण

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.