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    Rewari News: स्तनपान कराने के लिए माताओं को नहीं होना पड़ेगा असहज, स्वास्थ्य केंद्रों पर बनेंगे स्पेशल रूम

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 03:09 PM (IST)

    रेवाड़ी जिले में स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके अंतर्गत माताओं को स्तनपान के लाभ बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग अपने केंद्रों पर स्तनपान कक्ष बना रहा है ताकि माताओं को बच्चों को स्तनपान कराने में कोई परेशानी न हो। नागरिक अस्पताल में रोटरी क्लब ने पहले कक्ष बनाया था लेकिन अब अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर भी ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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    स्तनपान कराती हुई महिला की प्रतीकात्मक फोटो सौजन्य- Freepik

    ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी। इन दिनों जिले भर में स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत माताओं को स्तनपान कराने के फायदे के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। विशेषज्ञ यह तो बता रहे हैं कि नवजात को स्तनपान कराने से मां और बच्चे को शारीरिक, मानसिक रूप में प्रारंभिक और दूरगामी फायदे होते हैं, लेकिन दिक्कत तब बढ़ती है जब घर से बाहर बच्चे को लेकर जाएं तो स्तनपान के लिए सुरक्षित जगह ढूंढते रहना पड़ता है।

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    कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों और अस्पताल में भीड़ होने के कारण संतान को सही ढंग से स्तनपान कराने में असहज महसूस करती हैं। ऐसे में बच्चा भूखा होने के साथ मां को भी परेशान होना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपने केंद्रों पर स्तनपान कक्ष बनाए जा रहे हैं। कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर स्तनपान कक्ष बने भी हुए हैं।

    अब अधिकारियों द्वारा नागरिक अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्तनपान कक्ष बनाने होंगे। हालांकि रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में पांच साल पहले रोटरी क्लब आफ रेवाड़ी की ओर से विशेष कक्ष बनाया था। इसमें कुर्सी लगाए हुए हैं।

    जगह की कमी के कारण यहां टीकाकरण और अन्य गतिविधियां होने लगी और माताओं को स्तनपान कराने के लिए अब जगह तलाश करनी पड़ती है। जिले में अभी भाड़ावास, डहीना, फतेहपुरी, बासदूदा आदि स्वास्थ्य केंद्रों पर स्तनपान कक्ष बने हुए हैं। अन्य स्थानों पर इसी प्रकार की जगह बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं ताकि मां अपने बच्चे को बिना किसी संकोच के स्तनपान करा सकें।

    पिछले चार पांच साल पहले सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्तनपान कक्ष स्थापित करने की पहल शुरू की थी। इनमें से वर्तमान में भाड़ावास, डहीना, फतेहपुरी में बनाए भी हुए हैं। एक बार फिर सभी केंद्र प्रभारियों से इस पर गंभीरता से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। हर नवजात स्वस्थ और पोषित हो अपना संदेश तभी सार्थक होगा जब माताएं अपनी संतान को भरपूर मात्रा में स्तनपान कराएंगी। स्तनपान कक्ष स्थापित होने से न केवल मरीजों को फायदा होगा बल्कि वहां कार्यरत उन माताओं को भी लाभ होगा जिनकी संतान स्तनपान करती हैं।

    - डॉ. अशोक कुमार, उपसिविल सर्जन एवं परिवार कल्याण अधिकारी