जागरण संवाददाता, रेवाडी: जिले के गांव गढी में शनिवार की रात को एक दंपती ने बच्चों सहित जहरीला पदार्थ खा लिया और कमरे को अंदर से बंद कर दो गैस सिलेंडर आन करके छोड़ दिए। सिलेंडर खुले छोड़ने के कारण रात को धमके के साथ आग लग गई, जिसके बाद पड़ोसियों को पता लगा।
पड़ोसियों ने तीनों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। तीनों बच्चों की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। दंपती की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। कसौला थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। मौके से पुलिस ने जहर के पाउच भी बरामद किए है।
फैक्ट्री में काम करते थे दंपती
जिले के गांव गढ़ी के रहने वाले लक्ष्मण सिंह व उनकी पत्नी रेखा बावल क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे। शनिवार रात दोनों अपनी बेटी अनीषा (16), निशा (14) व बेटे हितेश (12) के साथ घर में सोए हुए थे। बताया जा रहा है कि रात करीब डेढ़ बजे घर के अंदर से जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। पड़ौसी जितेंद्र और उसका भाई घर पहुंचे तो कमरे का रोशनदान उखड़ा हुआ था और धुआं निकाल रहा था। पड़ोसियों ने बाहर का दरवाजा तोड़ और अंदर पहुंचे तो कमरे का दरवाजा बंद मिला। पड़ोसियों ने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो धुआं से भरा हुआ था।
पैर रस्सी से बंधे मिले
पड़ाेसी जितेन्द्र और अन्य लोग जब लक्ष्मण के कमरे में पहुंचे तो वहां पर दो घरेलू गैस सिलेंडर रखे हुए थे। दोनों ही सिलेंडर आन करके छोड़े हुए थे। जब बेसुध पड़े परिवार के एक सदस्य को निकालने की कोशिश की तो उसके साथ अन्य भी बाहर की तरफ खिंचने लगे। पांचों को बाहर निकाला तो सभी के पैर एक दूसरे से रस्सी से बंधे हुए थे। इसके बाद उन्हें फोरन रात में ही पहले ट्रामा सेंटर भर्ती कराया।
तीनों बच्चों ने तोड़ा दम
पांचों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें ट्रामा सेंटर से तुरंत रोहतक पीजीआइ के लिए रेफर कर दिया गया, जहां बेटी अनीषा (16), निशा (14) व बेटे हितेश (12) ने दम तोड़ दिया, जबकि लक्ष्मण (34) व उसकी पत्नी रेखा (31) की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि घर में जहरीले पदार्थ के कुछ खाली पाऊच भी मिले है, जिससे अंदेशा ये भी लगाया जा रहा है कि उन्होंने पहले जहरीला पदार्थ खाया हो। कसौला थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।