दिल्ली-अजमेर वंदे भारत ट्रेन पर शुरू होने के महीने भर में 13 बार हुआ पथराव, रेलवे ने जारी की चेतावनी
दिल्ली-अजमेर वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हुए एक महीना हो चुका है। इस एक महीने के दौरान वंदे भारत ट्रेन पर 13 बार पथराव की घटना हो चुकी है। हालांकि पथराव किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन रेलवे की चिंता बढ़ रही है।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। दिल्ली से अजमेर के बीच चल रही वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हुए एक महीना हो चुका है। इस एक महीने के दौरान वंदे भारत ट्रेन पर 13 बार पथराव की घटना हो चुकी है। हालांकि पथराव किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन रेलवे की चिंता बढ़ रही है। सोमवार को उत्तर-पश्चिम रेलवे की ओर से पथराव करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने चेतावनी जारी की गई है।
13 अप्रैल से शुरू हुआ था संचालन
उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 13 अप्रैल से शुरू किया गया था। ट्रेन पर असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आ रही है। वंदे भारत ट्रेन के संचालन प्रारंभ करने से अब तक 13 बार पत्थरबाजी की घटना हुई है, जिससे रेलगाड़ी के कांच क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस तरह की घटनाओं से जहां एक और यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है, बार-बार कांच को बदलने में रेल राजस्व की भी हानि हो रही है। प्रत्येक बार कांच बदलने में कोच को डिपो ले जाना पड़ रहा है। पथराव का असर ट्रेन की गति पर भी पड़ रहा है और यात्रा में अधिक समय लग रहा है।
रेवाड़ी में भी दर्ज हुई है एफआइआर
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर रेवाड़ी में भी पथराव की घटना हो चुकी है। 24 अप्रैल को असामाजिक तत्व ने नई अनाज मंडी स्टेशन के निकट ट्रेन पर पथराव कर दिया था, जिस कारण एक खिड़की का कांच टूट गया था।
गनीमत रही कि किसी यात्री को चोट नहीं आई। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इस मामले में राजकीय रेलवे पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक पथराव करने के वाले के बारे में पता नहीं लग पाया है।
हो सकती है जेल व जुर्माना
बार-बार हो रहे पथराव के कारण रेलवे ने चेतावनी जारी की है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने कहा कि रेलगाड़ियों पर पथराव की घटना से जहां यात्रियों को गंभीर चोट का खतरा रहता है, वहीं पत्थर से कांच टूटने व उछलने से अन्य लोग भी घायल हो सकते हैं।
ऐसा करने पर आपको रेल अधिनियम की धाराओं के तहत कारावास एवं जुर्माना लगाया जा सकता है। रेलवे अधिनियम की धारा के तहत पांच वर्ष के कारावास की सजा भी हो सकती है। पत्थरबाजी की घटनाओं के क्षेत्र में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा निगरानी बढ़ा दी गई है।