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Delhi-Alwar Rapid Rail Project: रूट बदलाव के जख्मों पर लगेगा कनेक्टिविटी का मरहम, लोगों को होगा फायदा

Delhi-Alwar Rapid Rail Project एनसीआरटीसी ने भिवाड़ी टपूकड़ा व गैलपुर तक सुगम सफर के लिए नियो मेट्रो ट्राली बस सर्विस व फीडर बस सर्विस में से कोई एक विकल्प तलाशना शुरू कर दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 07:05 PM (IST)
Delhi-Alwar Rapid Rail Project: रूट बदलाव के जख्मों पर लगेगा कनेक्टिविटी का मरहम, लोगों को होगा फायदा
Delhi-Alwar Rapid Rail Project: रूट बदलाव के जख्मों पर लगेगा कनेक्टिविटी का मरहम, लोगों को होगा फायदा

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। आरआरटीएस (रेपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम) के दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर कॉरीडोर के रूट में पिछले वर्ष हुए बदलाव से राजस्थान के जिन औद्योगिक क्षेत्रों को झटका लगा था, उन क्षेत्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है। रूट बदलाव से मिले जख्मों पर अब एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) सुगम कनेक्टिविटी का मरहम लगाएगा। बता दें कि पहले आरआरटीएस कॉरिडोर राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र से होते हुए रेवाड़ी जिले में आना था। भिवाड़ी से आगे बीटीके (भिवाड़ी टपूकड़ा खुशखेड़ा) नाम से मेट्राे स्टेशन भी प्रस्तावित किया गया था, मगर भूमि अधिग्रहण के झंझट से बचने के लिए हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों में पूर्व निर्धारित रूट में बदलाव कर दिए गए थे। इस बदलाव का राजस्थान के भिवाड़ी, टपूकड़ा व खुशखेड़ा से लेकर गैलपुर क्षेत्र तक विरोध था।

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राजस्थान सरकार ने मेट्रो रूट में बदलाव के बाद उपरोक्त क्षेत्रों के लिए किसी ऐसी परिवहन परियोजना का अनुरोध किया था, जो आरआरटीएस स्टेशनों तक इन क्षेत्रों की आवाजाही एकदम सुगम कर दे। सरकार के इस अनुरोध को एनसीआरटीसी ने मान लिया है। किसी तरह की कोई कमी न रह जाए इसके लिए अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ भी कई दिन से सक्रिय थे। उन्होंने दो दिन पहले एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह से भी मुलाकात की और टपूकड़ा, भिवाड़ी व गैलपुर तक सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्ययोजना को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने का अनुरोध किया।

भौतिक सत्यापन शुरू

एनसीआरटीसी ने भिवाड़ी, टपूकड़ा व गैलपुर तक सुगम आवाजाही के लिए नियो मेट्रो, ट्राली बस सर्विस व फीडर बस सर्विस में से कोई एक विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है। भौतिक सत्यापन का काम शुरू कर दिया गया है। जो भी विकल्प फिजिएबिलिटी की कसौटी पर खरा होगा, उसी विकल्प को जमीन पर उतारा जाएगा। नियो मेट्रो भी एक बेहतर विकल्प है। इसके कोच अपेक्षाकृत छोटे होते हैं और यह मिनी मेट्रो सेवा अन्य यातायात को बाधित नहीं करती। बहरहाल विकल्प कोई भी हो, प्रयास यही है कि राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्रों के लोगों को आरआरटीएस स्टेशनों तक मेट्रो जैसी सुविधा संपन्न बेहतर कनेक्टिविटी मिले।

 

बाबा बालकनाथ (सांसद अलवर) का कहना है कि मेरी एनसीआटीसी के एमडी से बात हुई है। उन्होंने मुझे उन क्षेत्रों तक सुगम कनेक्टिविटी पहुंचाने का आश्वासन दिया है, जिन क्षेत्रों से होकर पहले आरआरटीएस कारीडोर पर त्वरित मेट्रो दौड़नी थी। मैने उनसे भिवाड़ी से गैलपुर तक ट्राली फीडर बस सेवा का विस्तार करने का अनुरोध किया है। हम ऐसा विकल्प चाहते हैं जो एलीवेटेड (जमीन से ऊपर पिलर पर) हो। हमें ठोस आश्वासन दिया गया है। हमने धारूहेड़ा में बनने वाले स्टेशन का नाम भिवाड़ी-धारूहेड़ा करने की मांग भी की है।

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