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मनोहर लाल का सत्ता में दोबारा आते ही कमाल, किया बाजरा खरीद का नया रिकॉर्ड कायम

सरकार ने इस बार अपने ही पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद का आंकड़ा तीन लाख मीट्रिक टन पहुंचा दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 06:58 PM (IST)
मनोहर लाल का सत्ता में दोबारा आते ही कमाल, किया बाजरा खरीद का नया रिकॉर्ड कायम
मनोहर लाल का सत्ता में दोबारा आते ही कमाल, किया बाजरा खरीद का नया रिकॉर्ड कायम

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। हरियाणा ने इस बार बाजरा खरीद का एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। सरकार ने इस बार अपने ही पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद का आंकड़ा तीन लाख मीट्रिक टन पहुंचा दिया। यही आंकड़ा अब मनोहर सरकार की राजनीतिक शक्ति बनेगा। बाजरे की सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद का 8 नवंबर को अंतिम दिन था। ऐसे किसानों का बाजरा बाद में भी खरीदा गया है, जिनको टोकन जारी हो चुका था। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि बाजरे का सर्वाधिक भाव देने और सर्वाधिक खरीद करने के मामले में मनोहर सरकार बहुत आगे खड़ी हो चुकी है। इसका तोड़ फिलहाल न तो किसान केंद्रित राजनीति की ओर आगे बढ़ रहे दलों के पास है व न ही आलाेचकों के पास। अतीत के आंकड़ों से की जाने वाली तुलना मनोहर सरकार के पक्ष में है। समर्थन मूल्य पर मनोहर सरकार ने साल दर साल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हालांकि कुल बाजरा उत्पादन व खरीद के बीच अभी भी काफी गैप है, परंतु इस अंतर के अन्य कारण है। एक अनुमान के अनुसार हरियाणा में इस बार बाजरा उत्पादन लगभग 10 लाख मीट्रिक टन है।

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गेहूं से महंगा बाजरा

किसानों ने कभी यह कल्पना भी नहीं की थी कि बाजरा गेहूं से भी मंहगा हो जाएगा। आज यह हकीकत सबके सामने है। इस बार बाजरे का समर्थन मूल्य जहां 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल रहा वहीं गेहूं का समर्थन मूल्य 1985 रुपये है। यह बड़ा बदलाव है। मोदी सरकार ने दो वर्ष पूर्व बाजरे का समर्थन मूल्य उम्मीद से अधिक बढ़ाया था। हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य विपणन प्रवर्तन अधिकारी राजकुमार बेनीवाल के अनुसार कुल खरीद का आंकड़ा तीन लाख मीट्रिक टन से ऊपर पहुंच गया है।

 वेदप्रकाश विद्रोही (प्रदेश प्रवक्ता-कांग्रेस) के मुताबिक,  केंद्र सरकार ने केवल बाजरा व सोयाबीन का समर्थन मूल्य कुछ हद तक अपेक्षा के अनुरूप बढ़ाया था, परंतु कुल उत्पादन का 20 फीसद बाजरा भी नहीं खरीदा गया है। बाकी फसलों के मामले में कांग्रेस सरकार ने किसानों की जितनी चिंता की थी उतनी किसी सरकार ने नहीं की।

 वहीं, वीर कुमार यादव (प्रदेश प्रवक्ता-भाजपा) का कहना है कि

हमने एक सिस्टम तय किया था। जिन्होंने पोर्टल के माध्यम से अपनी पंजीकरण करवाया था, उन किसानों का दाना-दाना खरीदा गया है। जिन किसानों ने अपने घरेलू इस्तेमाल के कारण पंजीकरण नहीं करवाया उसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। कांग्रेस सहित किसी भी विरोधी दल के पास भाजपा सरकार के बाजरा खरीद के आंकड़ों का जवाब हो तो हम खुला चेलेंज दे रहे हैं। 

कब कितना खरीदा गया बाजरा 

वर्ष बाजरा खरीद (मीट्रिक टन)

2015-16                 5094

2016-17                 6341

2017-18                 31449

2018-19                 183110

2019-20                 300000

((वर्ष 2019-20 की खरीद अनुमानित है।)

हरियाणा में बाजरा: कब कितनी पैदावार

वर्ष बाजरा उत्पादन-मीट्रिक टन

2014-15                 670000

2015-16                 651000

2016-17                 964000

2017-18                721000

2018-19                687000


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