Move to Jagran APP

जानिये- यादव समुदाय से कौन बना मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री? दिल्ली से सटे गुरुग्राम से है गहरा नाता

Narendra Modi Cabinet New Minister राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साधारण कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक का भूपेंद्र यादव का सफरनामा प्रेरक है। उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली बल्कि परिश्रम के बल पर आसमान की ऊंची उड़ान भरी है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 04:55 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 06:07 AM (IST)
जानिये- यादव समुदाय से कौन बना मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री? दिल्ली से सटे गुरुग्राम से है गहरा नाता
जानिये- कौन हैं भूपेंद्र यादव, जो UP- हरियाणा, राजस्थान के अलावा बिहार में भी भाजपा को करेंगे मजबूत

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। राजस्थान के अजमेर में पले-बढ़े और गुरुग्राम जिले के गांव जमालपुर के मूल निवासी भूपेंद्र यादव का मंत्री बनना कई मायनों में अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेंद्र यादव को कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साधारण कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक का उनका सफरनामा प्रेरक है। उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली, बल्कि परिश्रम के बल पर आसमान की ऊंची उड़ान भरी है।

loksabha election banner

राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र मोदी सरकार में यादव समुदाय से पहले कैबिनेट मंत्री है। हालांकि अहीर/यादव समाज के विभिन्न संगठनों से जुड़े कुछ लोग मोदी सरकार में श्रम मंत्री रहे हरियाणा के नवनियुक्त राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को भी यादव मानते हैं। दत्तात्रेय को यादव मानने वालों की नजर में भूपेंद्र मोदी सरकार में दूसरे यादव कैबिनेट मंत्री हैं। राजनीतिक अर्थों में देखें तो भूपेंद्र की नियुक्ति से दो राज्यों को प्रतिनिधित्व मिला है। राजस्थान से राज्यसभा में पहुंचे यादव का अजमेर में घर है, जबकि गुरुग्राम के जमालपुर गांव में उनकी पैतृक हवेली है। कुछ दिन पूर्व ही इस हवेली में उन्हाेंने पुस्तकालय की स्थापना की थी और अमित शाह के हाथों इसका उद्घाटन करवाया था।

हरियाणा में चर्चित रहे हैं भूपेंद्र

भूपेंद्र यादव ने बेशक अधिकांश समय खुद को हरियाणा की राजनीति से अलग रखा है, मगर यहां के राजनीति गलियारों में चलने वाली चर्चाओं से वह कभी अलग नहीं हुए। पहली पारी में जब मनोहरलाल के विकल्प की बातें चली तब भूपेंद्र यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं भी कई दिन हवा में तैरती रही।

चचेरे भाई की जुबानी भूपेंद्र की कहानी

रेवाड़ी के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डा. ईश्वर यादव के अनुसार ‘मेरे पिता श्री रामकंवर यादव और उनके छोटे भाई कदम सिंह यादव अजमेर में रेलवे कर्मचारी थे। कदम काका के घर में बेटे भूपेंद्र यादव के अलावा तीन बेटियां उषा, रेखा व गुड्डी हैं। मेरे पिता के घर में मेरे अलावा दो बेटे रघु यादव व डा. योगेंद्र यादव और एक बेटी डा. अनुसुया यादव है। हम सभी की पढ़ाई अजमेर में हुई थी। रघु ने रेवाड़ी आकर क्षेत्रीय विषमता को लेकर संघर्ष किया और विधायक बने। भूपेंद्र यादव बचपन से संघ की शाखाओं में जाते थे। बिना महत्वाकांक्षा संगठन ने जो दायित्व दिया, उसे संभाला। उनका कैबिनेट मंत्री बनना इस बात का प्रमाण है कि संगठन की सेवा साधारण कार्यकर्ता को शून्य से शिखर पर पहुंचा सकती है। यह परिश्रम और निष्ठा का इनाम है। भूपेंद्र इसके हकदार हैं।

भाजयुमो के गुरुग्राम जिला प्रधान रहे हैं यादव

भूपेंद्र ने अतीत में गुरुग्राम को अपनी कर्मभूमि बनाने के प्रयास भी किए थे। अमित शाह के इस भरोसेमंद साथी ने वर्ष 1992 में गुरुग्राम भाजयुमो के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाला था। पार्टी के प्रदेश महासचिव होने के नाते तब वीर कुमार यादव गुरुग्राम के जिला प्रभारी होते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.