दिल्ली-हरियाणा के बीच चलने वाली इस ट्रेन में सफर करने के लिए कंबल लाना है जरूरी !
सर्दी के मौसम में इस ट्रेन में अगर कोई एक बार सफर कर लेता है तो लंबे समय तक उसे भुला नहीं पाता।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। रेवाड़ी से दिल्ली सुबह ठीक साढ़े पांच बजे जाने वाली पैसेंजर ट्रेन। सर्दी के मौसम में इस ट्रेन में अगर कोई एक बार सफर कर लेता है तो लंबे समय तक उसे भुला नहीं पाता। ऐसा इसलिए नहीं है कि यह ट्रेन बड़ी शानदार है, बल्कि इसलिए है क्योंकि पिछले तीन सालों से इस ट्रेन की खिड़कियों पर शीशे ही नहीं है। सर्द हवाओं के थपेड़ों के बीच यात्री या तो ठिठुरते हुए या फिर गर्म कपड़ों में लिपटकर इसमें सफर करते हैं।
रजाई लेकर जाने को मजबूर हैं लोग
रेवाड़ी से दिल्ली पहली पैसेंजर ट्रेन सुबह साढ़े पांच बजे रवाना होती है। यह डीएमयू ट्रेन है जो पहले दिल्ली में चलती थी लेकिन बीते करीब तीन सालों से रेलवे ने इसे रेवाड़ी-दिल्ली के बीच चलाना शुरू कर दिया है। इस ट्रेन के रैक पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है। ट्रेन की किसी भी खिड़की में शीशे नहीं है। सर्द हवाओं के थपेड़ों के बीच बगैर शीशे वाली ट्रेन में सफर करना कितना मुश्किल होता है यह शायद रेलवे के अधिकारियों को नहीं पता जिसके चलते ही आम आदमी की इस समस्या के प्रति वे गंभीर नहीं है।
सुबह साढ़े पांच बजे रेवाड़ी से इस ट्रेन में सवार होने वाले लोग ठिठुरते हुए सफर करते हैं। हालात यह है कि लोग रजाई तक लेकर ट्रेन में सफर करने को मजबूर है। इस ट्रेन से बड़ी तादाद में दैनिक यात्री गुरुग्राम व दिल्ली जाते हैं। दर्जनों बार लिखित में शिकायत भी दी जा चुकी है । सर्द हवाओं के थपेड़े जब यात्रियों को परेशान करते हैं तो उनके दिल से सिस्टम के लिए नकारात्मक बात ही निकलती है।
यात्री हरीशचंद का कहना है - 'मैं अकसर इस ट्रेन से सफर करता हूं। ट्रेन में शीशे नहीं है जिसके चलते ठंड में सफर करना बेहद मुश्किल हो गया है। कई बार स्टेशन अधीक्षक को शिकायत दे चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं। डीएमयू ट्रेन से सफर करना किसी सजा से कम नहीं है। सुबह के समय तो सर्द हवाओं के थपेड़े लगते हैं। ऐसे में रजाई तक लेकर सफर करना पड़ता है। रेलवे को कम से कम तीन साल में तो शीशे लगवा ही देने चाहिए थे।'
वहीं, वीर कुमार यादव (सदस्य रेलवे यात्री सुविधा समिति) का कहना है- 'गाड़ी में शीशे नहीं होना गंभीर समस्या है। यात्रियों की इस परेशानी को लेकर उच्चाधिकारियों से मैं बातचीत करुंगा तथा प्रयास रहेगा कि शीघ्रता से इसका समाधान कराया जाए ताकि आगे बढ़ने वाली सर्दी में यात्री आसानी से सफर कर सकें।'
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