फिर जागी रेवाड़ी-पलवल रेलमार्ग की उम्मीद, चार दशक पुराना सपना पूरा करने के लिए रेलमंत्री से मिलेंगे राव इंद्रजीत सिंह
एक बार फिर रेवाड़ी-पलवल रेलमार्ग की उम्मीद जगी है। यह रेलमार्ग कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस हाईवे के साथ बनना है।
रेवाड़ी, महेश कुमार वैद्य। विभिन्न कारणों से चार दशक पूर्व की गई रोहतक-रेवाड़ी-पलवल रेलमार्ग की परिकल्पना बेशक एक साथ पूरी नहीं हो पाई, मगर सोमवार को सोनीपत-सोहना-पलवल रेलमार्ग को मिली केंद्र की स्वीकृति ने रेवाड़ी-पलवल रेलमार्ग की उम्मीद जगा दी है। यह रेलमार्ग केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस हाईवे के साथ बनना है। इससे रेवाड़ी को जोड़ने के लिए सोहना तक लगभग 40 किमी का ट्रैक ही बिछाना होगा।
रोहतक-रेवाड़ी-पलवल रेलमार्ग की परिकल्पना को साकार करने के लिए कई बार सर्वे हुए, मगर बात नहीं बन पाई। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जब प्रदेश की कमान मिली तो उन्होंने रोहतक से रेवाड़ी तक रेल दौड़ा दी, मगर रेवाड़ी से पलवल को जोड़ने का सपना अधूरा ही रह गया। अब केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह इस सपने को पूरा करवाने के लिए रेलमंत्री से मुलाकात करेंगे और उनसे सोनीपत-पलवल रूट से रेवाड़ी जंक्शन की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगे।
सकारात्मक पक्ष यह है कि रेवाड़ी-पलवल रेललाइन परियोजना को रेवाड़ी के फाइनल व एमबीआइआर (मानेसर-बावल इंवेस्टमेंट रीजन) के ड्राफ्ट मास्टर प्लान में शामिल किया हुआ है। अगर यह रेल लाइन बिछेगी तो इसका सबसे अधिक लाभ भिवाड़ी व धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा।
यहां यह बता दें कि सोनीपत-खरखौदा-सोहना-पलवल रेल ट्रैक का निर्माण हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एचआरआइडीसी) की ओर से किया जाएगा। एचआरआइडीसी हरियाणा सरकार और रेल मंत्रालय का संयुक्त उपक्रम है। इस परियोजना से इस इलाके में मल्टी माडल लॉजिस्टक हब और नए उद्योग विकसित करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मैं हरियाणा ऑर्बिटल रेल परियोजना को मंजूरी देने पर प्रधानमंत्री व रेलमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। पलवल से सोनीपत तक नई रेललाइन बिछाने से उद्योग विकसित होंगे। रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। लगभग 5600 करोड़ की इस परियोजना को 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इस योजना को जल्दी शुरू करवाने के लिए मैं लगातार केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल के संपर्क में था। अब मैं सोनीपत-पलवल रेल मार्ग से रेवाड़ी को सोहना से कुछ पहले जुड़वाने का प्रयास करूंगा। इससे हमारे धारूहेड़ा व राजस्थान के भिवाड़ी क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा।
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