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Haryana Politics: आज फिर एक मंच पर होंगे सीएम मनोहर लाल और राव इंद्रजीत सिंह

Haryana Politics शुक्रवार को डा. बनवारीलाल की ओर से आयोजित की जा रही रैली में भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मंच पर होंगे। अंतर केवल इतना है कि तब डा. बनवारीलाल राज्यमंत्री थे और इस बार कैबिनेट मंत्री हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 05:14 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 05:14 AM (IST)
Haryana Politics: आज फिर एक मंच पर होंगे सीएम मनोहर लाल और राव इंद्रजीत सिंह
Haryana Politics: आज फिर एक मंच पर होंगे सीएम मनोहर लाल और राव इंद्रजीत सिंह

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह शुक्रवार को बावल की प्रगति रैली में एक साथ मंच पर होंगे। मनोहर लाल अपनी दूसरी पारी में शुक्रवार को पहली बार रेवाड़ी जिले में रैली करने आ रहे हैं। वह कई अहम विकास योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन करेंगे, लेकिन उनकी रैली के राजनीतिक मायने इससे बढ़कर हैं। पहली पारी में मनोहर ने 4 जुलाई 2015 को बावल में रैली की थी। वह छह वर्ष से अधिक समय बाद फिर बावल आ रहे हैं। नि:संदेह इस देरी के पीछे कोविड-19 एक बड़ी वजह रही है, मगर रैली करने में जितनी देर हुई है उतनी ही लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हुई है। माना जा रहा है कि शुक्रवार की हरियाणा प्रगति रैली में मुख्यमंत्री पूरे दक्षिण हरियाणा की प्रगति की ‘आधारशिला’ रखेंगे।

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शिलान्यास व उद्घाटन की शिलाओं में दर्ज योजनाओं से अलग हटकर मनोहर भविष्य का राजनीतिक रोडमैप भी बताएंगे। प्रगति रैली से राजनीतिक संदेश भी देंगे। पहली पारी की रैली की तरह शुक्रवार को डा. बनवारीलाल की ओर से आयोजित की जा रही रैली में भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मंच पर होंगे। अंतर केवल इतना है कि तब डा. बनवारीलाल राज्यमंत्री थे और इस बार कैबिनेट मंत्री हैं। राव के खास सिपहसालार कहलाने वाले डा. लाल का भाजपा में कद बढ़ चुका है। गुरुग्राम से नारनौल तक पूरे अहीरवाल से वह एकमात्र कैबिनेट मंत्री हैं।

कभी नरम कभी गरम रहे हैं राव इंद्रजीत सिंह

राव इंद्रजीत के सुर मनोहर के प्रति कभी नरम तो कभी गरम रहे हैं। कुछ समय पूर्व झज्जर जिले के पाटौदा में हुई अपनी रैली में राव इंद्रजीत सिंह ने तल्खी दिखाई थी। इसके बाद पार्टी के एक कार्यकर्ता सम्मेलन में भी राव इंद्रजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं के मन की बात की आड़ में सीएम की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा था। तब यह माना गया था कि केंद्रीय श्रम एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को अपने गुरुग्राम क्षेत्र में अधिक तवज्जो दिए जाने से राव के तेवर तल्ख थे, परंतु भूपेंद्र के कद व खुद के राजनीतिक नुकसान की चिंता को देखते हुए राव ने जल्दी ही अपना सुर नरम कर लिया। बदली परिस्थितियों में राव कुछ नरम चल रहे हैं। शुक्रवार को राव के सवाल और मनोहर लाल के जवाब की उम्मीद की जा रही है। लोगों की निगाहें दोनों नेताओं की भाव भंगिमा पर व कान उनके शब्दों के असली अर्थों पर टिके होंगे। दोनों के संवाद से ही रैली का राजनीतिक संदेश निकलेगा।

मजाक लगती है एसवाइएल की बात

मनोहरलाल बावल रैली के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जाएंगे। तीन कृषि कानून वापिस लेने के बाद मुख्यमंत्री का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है। कार्यक्रम स्थल से मात्र पांच किमी दूर हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर स्थित जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर किसानों का धरना चल रहा है। यह उम्मीद भी की जा रही है कि मुख्यमंत्री दक्षिण हरियाणा की धरा से किसानों से जुड़े मुद्दों पर भी अपना नजरिया रखेंगे।एसवाइएल के पानी की बात सुनकर यहां के लोगों के कान इतने पक चुके हैं कि अब उन्हें इसकी चर्चा भी मजाक लगती है। मनोहर को इस शुष्क क्षेत्र की उम्मीदों को जगाना होगा। मुख्यमंत्री के लिए सकारात्मक बात यह है कि एम्स को छोड़कर उनकी पिछली रैली की तमाम घोषणाएं जमीन पर उतर चुकी है।


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