रेवाड़ी में आक्सीजन संकट के बीच जला उम्मीदों का दीया, प्रशासन की मदद के लिए अन्य भी बढ़ा रहे हाथ
अगर मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो समय और परिस्थितियों के अनुसार अन्य स्थानों पर भी बेड बढाए जाएंगे। जिस तरह जैन शिक्षण संस्थाओं ने कोविड अस्पताल के लिए भवन देने का सराहनीय कार्य किया है उसी तरह कुछ अन्य लोगों ने भी अपनी ओर से भवन की पेशकश की है।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। कहावत है उम्मीद पर दुनिया कायम है। यहां सब कुछ नकारात्मक नहीं है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने निश्चित रूप से लोगों को डराया है, मगर डर के बीच बहुत कुछ सकारात्मक भी है। जब आक्सीजन की कमी से त्राहि-त्राहि मची है, तब समाजसेवी संस्थाओं के समूह की पहल पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की मदद से 100 बेड के अस्थायी काेविड अस्पताल की स्थापना की गई है।
इस प्रेरक पहल से आक्सीजन संकट के बीच उम्मीदों का दीया जला है। मंगलवार से यहां के सरकुलर रोड पर स्थित जैन स्कूल में बनाए गए अस्पताल का शुभारंभ हो जाएगा। मदद के लिए हाथ बढ़ाने वाली संस्थाओं में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, माइल्स टू एजुकेट, बीएमजी ग्रुप, श्रीनगर सेवा ग्रुप व श्याम सेवा समिति के अलावा दीप इंजीनियरिंग वर्क्स और अन्य सामाजिक-व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल है।
अगर मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो समय और परिस्थितियों के अनुसार अन्य स्थानों पर भी बेड बढाए जाएंगे। जिस तरह जैन शिक्षण संस्थाओं ने अस्थायी कोविड अस्पताल के लिए भवन देने का सराहनीय कार्य किया है, उसी तरह कुछ अन्य लोगों ने भी अपनी ओर से भवन की पेशकश की है। भाजपा नेता सुनील मुसेपुर ने संकट बढ़ने पर स्काई वर्ल्ड स्कूल का भवन देने का भरोसा दिलाया है।
ऐसे बना अस्थायी अस्पताल
तीन दिन पूर्व आरएसएस की गुरुग्राम टीम से जुड़े लोगों ने रेवाड़ी के कुछ साथियों से चर्चा की। जब एक सामाजिक कार्यकर्ता के माध्यम से अस्थायी कोविड अस्पताल का प्रस्ताव जिला संघ चालक अजय मित्तल के पास पहुंचा तो उन्होंने अपने पड़ोसी सुनील मुसेपुर से अपने स्काई वर्ल्ड स्कूल का भवन देने का अनुरोध किया। सुनील मुसेपुर तैयार हो गए। इसके बाद मोबाइल पर उपायुक्त अजय कुमार के समक्ष प्रस्ताव रखा गया कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग मदद करे तो सिविल सोसायटी से जुड़े लोग 100 बेड की व्यवस्था के लिए तैयार हैं।
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग तो खुद इस प्रयास में था ही। उनके लिए यह मुराद पूरी होने जैसी पेशकश थी। उपायुक्त ने सिविल सोसायटी के लोगों को मंत्रणा के लिए रविवार दोपहर का समय दे दिया। ठीक ऐसे ही प्रस्ताव पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट सचिन मलिक, रिपुदमन गुप्ता व उनके कुछ साथी भी आगे बढ़ रहे थे। समान लक्ष्य होने के कारण रविवार को हुई बैठक में सभी संयुक्त रूप से शामिल हुए।
इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त राहुल हुड्डा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल, एसडीएम रविंद्र यादव, सिविल सर्जन डा. सुशील कुमार माही व विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे सिविल साेसायटी से जुड़े लोग शामिल हुए। बैठक में सिविल सोसायटी व स्वास्थ्य विभाग के बीच कार्य विभाजन किया गया। इस समय सचिन मलिक, बीएमजी ग्रुप के निदेशक रिपुदमन गुप्ता, आरएसएस से सुभाष भाई व अजय मित्तल और कई अन्य साथी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की मदद से अस्थायी अस्पताल को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। इस अस्पताल में आक्सीजन के खाली सिलेंडरों की व्यवस्था सिविल सर्जन के स्तर पर होगी, जबकि भरवाने का जिम्मा सिविल सोसायटी से जुड़े उद्यमी उठाएंगे। इस पहल से न केवल आपातकाल में मदद मिलेगी बल्कि निराश लोगों की दहशत भी दूर होगी।