हल्की बारिश ने ही बिगाड़ी शहर की सूरत
जिले में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। छिटपुट बारिश होने लगी है। शनिवार को दोपहर बाद हल्की बारिश हुई। इससे सुबह से भारी उमस की मार झेल रहे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। बारिश से जगह जगह जलभराव भी हुआ। शहर की सड़कों और नालों में शनिवार को हुई 26 मिलीमीटर बारिश में सड़क और गलियां लबालब हो गईं। शनिवार को अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहा।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है। छिटपुट बारिश होने लगी है। शनिवार को दोपहर बाद हल्की बारिश हुई। इससे सुबह से उमस की मार झेल रहे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली, लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से शहर की सूरत बिगड़ गई। जहां मानसून पूर्व की सफाई कर दी गई, वहां तो पानी निकासी होने से हालात सामान्य रहे, लेकिन निचले इलाकों व जलभराव वाले क्षेत्रों में हालात बदतर हो गए। यहां से वाहन चालकों को निकलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शनिवार को कुल 26 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे शहर की सड़कें, नाले और गलियां लबालब हो गईं। शनिवार को अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहा। शुक्रवार को अधिकतम 38 व न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस तापमान था जबकि सिर्फ शहर में 5 एमएम बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने 9 जुलाई तक कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश की संभावना जताई है। बारिश से भले सूरज की तपिश से राहत मिल रही हो लेकिन जलभराव से आमजन की परेशानियां और बढ़ जाती हैं। यही स्थिति रही तो मानसून की बारिश मुसीबत बन सकती है। जलभराव और सीवर ओवर फ्लो की समस्या वर्षों से यथावत है। प्रशासन की ओर से नालों की सफाई करने और पानी निकासी करने के अनेक दावे किए जाते हैं लेकिन थोड़ी बारिश में ही उनके दावे धरे रह जाते हैं। जलभराव से निपटने की नहीं व्यवस्था:
शहर का साल दर साल शहर का विकास होता गया। बड़े मकान और शहर की सड़कें बनीं लेकिन जलभराव से निपटने की ठोस कार्ययोजना नहीं बन पाने के कारण हर बार थोड़ी सी बारिश में ही जलभराव और सीवर ओवर फ्लो की समस्या यथावत रहती है। हालांकि जिला उपायुक्त द्वारा मानसून की दस्तक के पहले ही नालों की सफाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन नगरपरिषद द्वारा देर से काम शुरू करने के कारण अधिकांश नालों की मानसून पूर्व सफाई नहीं हो पाई। इसी के परिणामस्वरूप हल्की बारिश परेशानी खड़ी कर रही है। इन स्थानों पर रहती है ज्यादा समस्या:
शहर के सरकुलर रोड स्थित नाईवाली चौक, पुरानी सब्जी मंडी, सती कॉलोनी, नई अनाजमंडी, बस अड्डा परिसर, नागरिक अस्पताल, मॉडल टाउन क्षेत्र, ब्रास मार्केट, महाराणा प्रताप चौक से नई अनाजमंडी की ओर जाने वाला मार्ग, नेहरू पार्क से सेक्टर एक के पुराना हाउसिग बोर्ड की ओर जाने वाला मार्ग, पुराना हाउसिग बोर्ड कॉलोनी, कंपनीबाग मोहल्ला, रामपुरा रोड, सेक्टर तीन, चार के साथ हाउसिग बोर्ड कॉलोनी, शहर के विभिन्न गलियों और मोहल्लों में थोड़ी सी बारिश में ही सीवर जाम और नालों के ओवर फ्लो होने से निकासी की व्यवस्था के अभाव में थोड़ी सी बारिश भी परेशानी का सबब बन जाती है। नहीं है पानी बहाव की व्यवस्था:
शहर में जगह जगह बने नालों में से पानी बहाव के लिए पर्याप्त प्रबंध नहीं होने के कारण जाम की समस्या रहती है। खुले नालों में पॉलीथिन और कचरा बिखरा होने के कारण पानी का बहाव नहीं हो पाता। पेयजल और सीवर पाइपलाइन साथ साथ होने के कारण आए दिन दूषित पेयजल सप्लाई की शिकायतें आती रहती हैं।