विकसित हो वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा
मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में पं. दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में चल रहे पखवाड़े कार्यक्रम के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी व शिक्षक डॉ. डीपी भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल का एकात्म मानववाद का सिद्धांत बड़ी ही महत्वपूर्ण और बड़ी प्रासंगिक है। यह दर्शन समग्रता से ही विचार कर ज्ञान का नव निर्माण करता है जो लक्ष्य के विकास में सहायक सिद्ध होता है। एकात्मभाव से विकास कर वसुधैव कुटुम्बकम् की धारणा का विकास करना चाहिए। अंतिम व्यक्ति के विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण करना चाहिए। धर्म की धारणा के विस्तृत सोपानों की व्याख्या करते हुए उन्होंने परिवार, समाज व देश को उसके अनुसरण करने की शिक्षा दी।
जासं, रेवाड़ी : मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में पं. दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में चल रहे पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी व शिक्षक डीपी भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल का एकात्म मानववाद का सिद्धांत बड़ा ही महत्वपूर्ण और बड़ी प्रासंगिक है। यह दर्शन समग्रता से ही विचार कर ज्ञान का नव निर्माण करता है जो लक्ष्य के विकास में सहायक सिद्ध होता है। एकात्मभाव से विकास कर वसुधैव कुटुम्बकम् की धारणा का विकास करना चाहिए। अंतिम व्यक्ति के विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण करना चाहिए। धर्म की धारणा के विस्तृत सोपानों की व्याख्या करते हुए उन्होंने परिवार, समाज व देश को उसके अनुसरण करने की शिक्षा दी। उन्होंने पूजा पद्वति व धर्म में अंतर स्पष्ट करते हुए विस्तृत उपागम प्रस्तुत किए। एक आदर्श शासन व्यवस्था का यह दायित्व है कि समाज के पिछड़े वर्ग को विकास प्रक्रिया में शामिल करे। जाति-पाति व सम्प्रदाय से ऊपर उठकर उन्होंने देश की सेवा का संकल्प लिया व राष्ट्र के लेागों को देश सेवा के लिए प्रेरित किया। वे त्याग, शक्ति व बलिदान के एक सशक्त उदाहरण थे जिनके दर्शन से भारतीय जनमानस में ज्ञान का उदय हुआ। कुलपति डॉ. मारकंडे आहूजा ने अपने संबोधन में पं. दीनदयाल उपाध्याय को एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता बताया। राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता। कुलसचिव डॉ. मदनलाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धान्तों को अपनाते हुए केन्द्र सरकार व हरियाणा सरकार ने शिक्षा के सामाजिक विकास के क्षेत्रों में बड़ी महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।