जिला प्रमुख से बोले उद्योगमंत्री, न करें राजनीति
फोटो: 29 -जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में उद्योग मंत्री विपुल गोयल व जिला प्रमुख मंजुबाला के बीच हुई तीखी बहस जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: कष्ट निवारण समिति की बैठक में एक बार फिर से बड़ा हंगामा खड़ा हुआ। एक नाबालिग बच्ची के लापता होने के मामले में जिला प्रमुख ने प्रशासन व सरकार की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए तो उद्योगमंत्री विपुल गोयल ने जिला परिषद की चेयरसपर्सन को कह दिया कि वे इस मामले में खुद की राजनीति को चमकाने की कोशिश न करें। मामला इतना गर्माया कि जिला परिषद की चेयरपर्सन बैठक छोड़कर ही चली गई। जिला प्रमुख बोली मैं भी मां हूं, गोयल बोले मेरे भी बच्चे हैं..
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
कष्ट निवारण समिति की बैठक में एक बार फिर से बड़ा हंगामा खड़ा हुआ। एक नाबालिग बच्ची के लापता होने के मामले में जिला प्रमुख ने प्रशासन व सरकार की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए तो उद्योगमंत्री विपुल गोयल ने जिला परिषद की चेयरपर्सन को कह दिया कि वे इस मामले में खुद की राजनीति को चमकाने की कोशिश न करें। मामला इतना गर्माया कि जिला परिषद की चेयरपर्सन बैठक छोड़कर ही चली गई।
जिला प्रमुख बोली मैं भी मां हूं, गोयल बोले मेरे भी बच्चे हैं..
मॉडल टाउन स्थित बाल भवन में हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक में पहला परिवाद बावल क्षेत्र के एक गांव से लापता हुई बच्ची का रखा गया। बच्ची के पिता ने बताया कि 27 जून को उसकी बेटी लापता हुई थी जिसका आजतक पता नहीं चला है। एक महीने से धरना भी चल रहा है। अभी उद्योगमंत्री इस मामले को सुन ही रहे थे कि जिला प्रमुख मंजुबाला भी बैठक में पहुंच गईं। जिला प्रमुख ने कहा कि इस मामले में प्रशासन के स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उद्योग मंत्री ने जवाब दिया कि मामले की जांच स्टेट क्राइम ब्यूरो के पास है। शीघ्र ही बच्ची का पता लगाया जाएगा। इसपर जिला प्रमुख तेज आवाज में बोलने लगीं तथा प्रशासन व सरकार पर निशाना साधा। फिर तो उद्योगमंत्री भी तैश में आ गए। जिला प्रमुख से कहा कि मामले में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश न करें। पुलिस व प्रशासन अपना काम कर रहा है। जिला प्रमुख ने कहा कि वह खुद एक मां हैं इसलिए परिवार का दर्द समझ रही हैं। जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि उनके भी बच्चे हैं तथा वे खुद भी किसी के बच्चे हैं इसलिए दर्द वे भी समझते हैं। यहां किसी को राजनीति चमकाने की जरूरत नहीं है। बच्ची के परिजन संतुष्ट हैं तथा वे खुद धरने को समाप्त कराएंगे। बहस के बाद जिला प्रमुख बैठक से चली गईं। उद्योगमंत्री कष्ट निवारण समिति की बैठक समाप्त होने के बाद खुद धरनास्थल पर गए तथा दो दिन में ही स्टेट क्राइम ब्यूरो से जांच शुरू कराने का आश्वासन देकर धरने को समाप्त कराया।
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महिलाएं अपनी बात रख रही थी। मैंने मंत्री महोदय को यह बताया कि 70 दिन में कोई परिणाम नहीं मिला है। मैं राजनीति चमकाती तो 3 महीने से चमकाती। गरीब की बेटी को न्याय दिलवाने के लिए प्रयास करना राजनीति नहीं है।
-मंजुबाला, चेयरपर्सन, जिला परिषद