Move to Jagran APP

केंद्रीय विवि की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे विशेषज्ञों के व्याख्यान

महेंद्रगढ़ स्थित हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ का नाम परिचय का मोहताज नहीं है। सोनीपत के गांव हरसाना कलां निवासी प्रो. कुहाड़ ने ई-पीजी पाठशाला की तकनीकी समिति व यूजीसी की ओर से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लिए गठित समिति में अहम योगदान दिया है। स्कूल व कालेज स्तर की पढ़ाई अपने गांव सोनीपत व भोपाल यूनिवर्सिटी से की। उच्चतर शिक्षा व रिसर्च के लिए यूनिवर्सिटी आफ मेनचेस्टर यूके व यूनिवर्सिटी ऑफ जार्जिया एथेन्स यूएसए से जुड़े। दिल्ली विश्वविद्यालय में माइक्रो बॉयलाजी के प्रोफेसर के रूप में देश-विदेश में ख्याति प्राप्त की। लगभग चार वर्ष पहले सीयू की कमान संभाली थी। दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता महेश कुमार वैद्य ने उनसे विभिन्न विषयों पर विस्तार से बात की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश-

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 05:38 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 05:38 PM (IST)
केंद्रीय विवि की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे विशेषज्ञों के व्याख्यान
केंद्रीय विवि की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे विशेषज्ञों के व्याख्यान

महेंद्रगढ़ स्थित हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सोनीपत के गांव हरसाना कलां निवासी प्रो. कुहाड़ ने ई-पीजी पाठशाला की तकनीकी समिति व यूजीसी की ओर से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लिए गठित समिति में अहम योगदान दिया है। स्कूल व कालेज स्तर की पढ़ाई अपने गांव, सोनीपत व भोपाल यूनिवर्सिटी से की। उच्चतर शिक्षा व रिसर्च के लिए यूनिवर्सिटी आफ मेनचेस्टर, यूके व यूनिवर्सिटी ऑफ जार्जिया, एथेन्स, यूएसए से जुड़े। दिल्ली विश्वविद्यालय में माइक्रोबॉयलाजी के प्रोफेसर के रूप में देश-विदेश में ख्याति प्राप्त की। लगभग चार वर्ष पहले इन्होंने सीयू की कमान संभाली, तब से वह संस्थान को लगातार उपलब्धियों से नवाज रहे हैं। दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता महेश कुमार वैद्य ने उनसे विभिन्न विषयों पर विस्तार से बात की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश-

loksabha election banner

-----------

चार वर्ष के कार्यकाल की चार बड़ी उपलब्धि पर चर्चा? क्या उल्लेखनीय रहा?

-सीयू की शिक्षण व रिसर्च के क्षेत्र में आज अपनी अलग पहचान बन चुकी है। नैक 'ए'ग्रेड मिलना इसका प्रमाण है। वेब ऑफ साइंस व स्कोप्स में विवि की विशेष उपस्थिति। सीएसआइआर, यूजीसी नेट/जेआरएफ की परीक्षा में हमारे छात्रों का बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। जल्द ही विवि में विशेषज्ञों के सभी व्याख्यान हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे।

-----------

विशेषज्ञों के व्याख्यान किस तरह ऑनलाइन उपलब्ध होंगे?

-हमारे पास 5 वर्चुअल क्लास रूम हैं। इन कमरों में प्रवक्ताओं व ओडियंस दोनों के संवाद की आटो रिकार्ड की व्यवस्था है। अगर व्याख्याता अपना व्याख्यान मोडीफाई करना चाहें तो कर सकते हैं। फाइनल संबोधन वेबसाइट पर डालेंगे। विवि में ज्ञान (ग्लोबल इनिसिएटिव आफ एकेडमिक नेटव‌र्क्स) के तहत देश-विदेश से आने वाले विशेषज्ञ हों या अपने प्रोफेसर या विशेषज्ञ, उनके व्याख्यान का अब तमाम इच्छुक लोग लाभ उठा सकेंगे। व्याख्यान के साथ-साथ वे विदेश से आए एक्सप‌र्ट्स के लैब एक्सपेरिमेंट से भी लाभांवित हो सकेंगे।

----------

आइए अब अन्य उपलब्धियों पर बात करते हैं?

-पहले च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर यह बताना चाहूंगा कि यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत किसी एक विषय का विद्यार्थी विवि में उपलब्ध अन्य विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपलब्ध इलेक्टिव विषयों का चयन कर सकता

हैं। उदाहरणत: लाइफ साइंस व इंजीनियरिग के विद्यार्थी इतिहास विभाग द्वारा उपलब्ध हिस्ट्री आफ हरियाणा का अध्ययन कर सकते हैं। इसी तरह सोशल साइंसेस से संबंधित विद्यार्थी फिजिकल एंड मेथेमेटिकल साइंस में उपलब्ध इलेक्टिव विषय का अध्ययन कर सकते हैं। हमने ग्लोबल इनिसिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटव‌र्क्स के माध्यम से छात्रों का ज्ञान बढ़ाने का अहम कार्य किया है। ढांचागत सुविधाओं का विस्तार किया है। सभी विषयों की लैब सुविधा उपलब्ध करवाई है। स्कूल ऑफ एजूकेशन के तहत बीएड व एमएड की कक्षाएं शुरू की। हमारा विवि परीक्षा सम्पन्न होने के 15 दिनों के बाद परिणाम जारी कर रहा है।

----------

विषय बदलकर एक छोटा सा सवाल सामाजिक विषय पर? हाल ही में देश में कश्मीरी छात्रों से मारपीट के कुछ

मामले सामने आए थे। आपके दो कश्मीरी छात्रों के साथ पहले मारपीट हुई भी थी। यहां उनकी सुरक्षा को लेकर

क्या इंतजाम हैं?

-कश्मीरी छात्र भी भारतीय हैं। उनके लिए हमारा अलग नजरिया नहीं है। पूर्व में जो घटना हुई थी उसमें हकीकत कम अफवाहें अधिक थी। एहतियात के तौर पर हम पूरी तरह सजग भी हैं। हमारे यहां जम्मू-कश्मीर से 75 विद्यार्थी हैं।

---------

विश्वविद्यालय में अब कितने पाठ्यक्रम हैं?

-फिलहाल विश्वविद्यालय में 11 स्कूलों के अंतर्गत 29 विभाग संचालित है। जिनमें 56 पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इनमें 8 यूजी, 26 पीजी, 7 एमफिल व 15 पीएचडी कोर्स शामिल हैं।

--------

नए पाठ्यक्रम व भविष्य की क्या कार्ययोजना है?

-विश्वविद्यालय ने सभी विषयों में 20 फीसद कक्षाएं एमओओसी के माध्यम से प्रदान करने का प्रावधान किया है। हमें

भी एन्वायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी में विषय आधारित नेटवर्क विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किए एमओओसी पाठ्यक्रम को यूजीसी की एकेडमिक एडवाइजरी काउंसिल ने 5 में से 4.5 रेटिग प्रदान की है। विश्वविद्यालय में एलएलबी, एमए इन टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट, एमए संस्कृत, एमए/एमएससी. योगा साइंस, एमएससी फार्मेस्युटिकल साइंस और एमए फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्टस शुरु करने का प्रस्ताव तैयार करके यूजीसी को दिया है। मंजूरी मिलने पर आगामी सत्र से प्रवेश देंगे।

----------

पीएम के कौशल विकास के सपने को पूरा करने में सीयू का क्या योगदान है?

-हमारे यहाँ दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र में बायो मेडिकल साइंसेज, इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट व रिटेल एंड लॉजिस्टिक मैनेजमेंट जैसे रोजगारपरक स्नातक पाठ्यक्रम हैं। हम वोकेशनल कोर्स पूर्ण रूप से संबंधित क्षेत्र से स्किल काउंसिल के अनुसार करा रहे हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए लैंग्वेज कोर्स शुरू करने की योजना भी है।

------

ऐसा प्रचारित हो रहा है कि विश्वविद्यालयों में आरएसएस का दखल बढ़ रहा है। संघ का एजेंडा लागू किया जा रहा है?

-(प्रति प्रश्न करते हुए) न गणित में बदलाव संभव न साइंस में। न अंग्रेजी में बदलाव संभव न अन्य विषयों में। एक इतिहास बचता है जिसे लेकर कई बार निरर्थक बातें उठती है। हम गोलवलकर व हेडगेवार को भी पढ़ा रहे हैं और गांधी व सुभाष चंद्र बोस को भी। वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए हमने स्वामी दयानन्द सरस्वती पीठ की स्थापना की है।

-------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.