उद्योग नगरी में एक्यूआइ पहुंचा 479
कस्बे की आबोहवा पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। सोमवार को भी स्माग काफी अधिक रहा।
संवाद सहयोगी, धारूहेड़ा : कस्बे की आबोहवा पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। सोमवार को भी पूरे दिन स्माग की चादर छाई रही। आलम यह रहा कि धूप भी पूरी तरह से नहीं निकल पाई। लोगों को आंखों में जलन भी महसूस होने लगी है। इसके अतिरिक्त दमा के रोगियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धारूहेड़ा में सोमवार को एक्यूआइ 479 तथा भिवाड़ी में 471 रहा। पिछले एक सप्ताह से यह हर दिन 400 से अधिक चल रहा है। प्रदूषण को कम करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ा है। इसके बावजूद प्रदूषण पर कोई नकेल नहीं कसी जा रही है। दीपावली से पहले ही बिगडी हालत दीपावली के आसपास पटाखे चलने के बाद भी जितनी बदतर स्थिति नहीं होती थी, उससे कहीं ज्यादा बदहाल हालात उससे पहले ही हो गए हैं। सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में प्रदूषण के स्तर ने 479 का आंकड़ा छू लिया है। इसका मुख्य कारण सफाई के बाद कूड़ा-करकट में आग लगाना, सीवर लाइन की खोदाई के बाद सड़कों पर उड़ रही धूल, जर्जर पड़े रास्तों पर धूल के गुब्बार, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, दिनभर लगते जाम के चलते वाहनों से निकलने वाला धुआं और फसलों के अवशेष जलाना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार खुले में बिना मास्क के निकलना घातक साबित हो सकता है। जिले की हवा इन दिनों सांस लेने लायक नहीं रह गई है। खुद सरकारी विभाग भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सड़कों पर उड़ती धूल के लिए पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है।