बलवाड़ी में फिर घुसा जंगली जानवर, मेमना बना शिकार
क्षेत्र के गांव बलवाड़ी में जंगली जानवर का खौफ बना हुआ है। जंगली जानवर ने मंगलवार की रात को फिर से मेमना को अपना शिकार बना लिया। बुधवार की सुबह मेमना बाड़े में मरा हुआ मिला है। जानवर द्वारा बकरी के बच्चे को आधा खाया हुआ था। बाड़े में जंगली जानवर के पंजों के निशान भी मिले है। शनिवार की रात भी जंगली जानवर ने 25 बकरियों को मार डाला था। अरावली की पहाड़ियों से आने वाले लकड़बग्घा द्वारा बकरियों को अपना शिकार बनाए जाने का अंदेशा है।
संवाद सहयोगी, कुंड : क्षेत्र के गांव बलवाड़ी में जंगली जानवर का खूनी खेल बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जंगली जानवर बीती रात एक बार फिर से उसी बाड़े में घुस गया, जहां दो रात पहले उसने 32 बकरियों को मौत के घाट उतार दिया था। इस बार जंगली जानवर ने बकरी के बच्चे (मेमना) को अपना शिकार बनाया है। बाड़े में जंगली जानवर के पंजों के निशान भी मिले हैं। अरावली की पहाड़ियों से आने वाले लकड़बग्घा द्वारा बकरियों को अपना शिकार बनाए जाने का अंदेशा है।
बलवाड़ी निवासी जयप्रकाश ने अपनी बकरियां बाड़े में बांधी हुई थी। मंगलवार की सुबह जब वे बाड़े में पहुंचे तो बकरी का बच्चा मरा हुआ पड़ा था तथा आधा खाया हुआ था। बाड़े में जानवर के पंजों के निशान भी मिले है। सूचना मिलने के बाद खोल थाना एसएचओ बिजेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मेमना का पोस्टमार्टम भी कराया है। वाइल्ड लाईफ की टीम ने मौके से जानवर के पंजों के नमूने भी उठाए है। एक सप्ताह से आ रहा है जंगली जानवर
अरावली की पहड़ियों से लकड़बग्घा के गांवों तक आने के घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी है। लकड़बग्घा द्वारा ही पशुओं को शिकार बनाए जाने का अंदेशा है। पिछले सप्ताह गांव निवासी अमर ¨सह के बाड़े में जंगली जानवर द्वारा 6 बकरियों को मार दिया गया था। शनिवार की रात को गांव जयप्रकाश की 32 बकरियों को जंगली जानवर ने मार दिया था तथा सात बकरियों व एक मेमने को घायल कर दिया था। कुछ दिन पूर्व गांव टींट में भी लकड़बग्घा देखा गया था। इससे पूर्व गांव गो¨बदपुरी के निकट भी दो बार ट्रेन की चपेट में आने से लकड़बग्घे मरे हुए मिल चुके है।