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ज्ञापन को लेकर आखिर क्यों हो रहे बवाल

मनेठी एम्स निर्माण की मांग को लेकर जिला सचिवालय पहुंचे लोगों और जिला प्रशासन के बीच ज्ञापन को लेकर करीब एक घंटे तक जमकर विवाद हुआ। विवाद का समापन उपायुक्त द्वारा ज्ञापन लेने के बाद हुआ। देखा जाए तो यह काम एक घंटे पहले भी हो सकता था लेकिन कहीं न कहीं दोनों तरफ से बरती गई लापरवाही इस विवाद का कारण रही..

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:50 PM (IST)
ज्ञापन को लेकर आखिर क्यों हो रहे बवाल
ज्ञापन को लेकर आखिर क्यों हो रहे बवाल

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: मनेठी एम्स निर्माण की मांग को लेकर जिला सचिवालय पहुंचे लोगों और जिला प्रशासन के बीच ज्ञापन को लेकर करीब एक घंटे तक जमकर विवाद हुआ। विवाद का समापन उपायुक्त द्वारा ज्ञापन लेने के बाद हुआ। यह पहली बार नहीं है जब ज्ञापन सौंपने को लेकर विवाद पनपा हो। बीते एक साल के दौरान लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। आखिरकार क्यों होते हैं सचिवालय के गेट बंद

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जिला सचिवालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपना एक रूटीन की बात रही है लेकिन उपायुक्त पंकज के समय में सचिवालय के आसपास धारा 144 लगाकर सचिवालय के पास धरना देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। तभी से सचिवालय में ज्ञापन सौंपने आने वाले लोगों के लिए भी गेट बंद करने शुरू कर दिए गए और तभी से विवाद बढ़ने लगे हैं। पहले लोग आराम से सचिवालय के भीतर जाते थे और ज्ञापन सौंपकर लौट जाते थे। वहीं दूसरी तरफ ज्ञापन सौंपने आने वाले लोगों को भी विवाद पैदा करने के मामले में क्लीन चिट नहीं दी जा सकती। ज्ञापन सौंपने आने वाले लोग भी सिर्फ उपायुक्त को ही ज्ञापन देने की जिद करते हैं जबकि सभी को यह भली भांति पता होता है कि किसी भी अधिकारी को ज्ञापन सौंपे सरकार के पास वह पहुंच ही जाएगा। सालभर के दौरान यूं बढ़े विवाद

-साल की शुरुआत में सरपंच व ग्राम सचिव उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे लेकिन डीसी ने ज्ञापन ही नहीं लिया। बाद में सरपंचों व ग्राम सचिवों ने कई दिनों तक धरना दिया था तथा विधायक ने धरनास्थल पर पहुंचकर इसे समाप्त कराया था।

-स्वराज इंडिया पार्टी के लोग करीब दो माह पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे लेकिन तब भी सचिवालय का गेट बंद कर दिया था।

-अहीर रेजीमेंट के लिए ज्ञापन सौंपने पहुंचे लोगों ने भी उपायुक्त द्वारा ज्ञापन नहीं लेने पर विरोध जताया था।

-बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने भी उपायुक्त के ज्ञापन नहीं लेने पर सचिवालय के सामने ही बैठकर धरना दिया था।

-नाबालिग बच्ची की बरामदगी के मामले भी ज्ञापन सौंपने को लेकर विवाद हुआ था।


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