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नप की पूर्व प्रधान व अधिकारियों के खिलाफ वारंट

नगर परिषद रेवाड़ी की पूर्व प्रधान व तीन अधिकारियों के खिलाफ स्थानीय सीजेएम की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। भुगतान की गई राशि पर टीडीएस काटने के बावजूद आयकर विभाग में जमा न कराने के आरोप में एक स्थानीय नागरिक की शिकायत पर वर्ष 2015 में यह मामला दर्ज हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:50 PM (IST)
नप की पूर्व प्रधान व अधिकारियों के खिलाफ वारंट
नप की पूर्व प्रधान व अधिकारियों के खिलाफ वारंट

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : नगर परिषद की पूर्व प्रधान व तीन अधिकारियों के खिलाफ स्थानीय सीजेएम की अदालतने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। भुगतान की गई राशि पर टीडीएस काटने के बावजूद आयकर विभाग में जमा न कराने के आरोप में एक नागरिक की शिकायत पर वर्ष 2015 में यह मामला दर्ज हुआ था।

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विशेष बात यह है कि प्रधान व अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के इस मामले में दर्ज करवाई गई एफआइआर को निरस्त करवाने के लिए आरोपितों की ओर से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की हुई है, लेकिन आरोपितों ने एफआइआर के आधार पर स्टे नहीं लिया था। यहीं पर अधिकारी गच्चा खा गए, क्योंकि बिना स्टे तब की दर्ज हुई एफआइआर स्टैंड कर रही थी। याचिका में आज तक किसी प्रकार का कोई स्टे न होने के कारण जांच अधिकारी ने रेवाड़ी सीजेएम कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी करने की गुहार लगाई थी। अदालत ने आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। आरोपितों में उस समय की चेयरपर्सन शकुंतला भाडोरिया, कार्यकारी अधिकारी विजय पाल यादव व कार्यकारी अधिकारी सुरेश चौहान तथा उस समय कार्यरत सचिव कृष्ण कुमार शामिल हैं।

वर्ष 2015 में नगर परिषद रेवाड़ी में टीडीएस के दुरुपयोग को लेकर शहर थाना पुलिस ने डीके भारद्वाज की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच को लेकर काफी विवाद हुआ था। बाद में शिकायत करने पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। आरोपित अधिकारियों ने पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की हुई है, उस याचिका की सुनवाई अभी तक नहीं हुई है और न ही उसके आधार पर कोई स्टे ही मिला है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट समप्रीत कौर की अदालत ने अब सभी के गिरफ्तारी आदेश जारी किए हैं।

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यह मामला आयकर विभाग के टीडीएस से जुड़ा हुआ है। जब मैने वर्ष 2015 में ज्वाइन किया था, तब मेरे संज्ञान में यह मामला आया था। मैने टीडीएस भी जमा करवा दिया था और रिटन भी फाइल करवा दी थी। जिस पेमेंट पर टीडीएस काटा गया था, उसका भुगतान मेरे पूर्ववर्ती अधिकारी के समय हुआ था। इसमें किसी तरह का गबन नहीं है, क्योंकि कोई अधिकारी पैसों को अपने घर नहीं ले गया था, बल्कि जो टीडीएस कटा था, उसकी राशि नगर परिषद के पास ही जमा थी। हम अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। इसे गबन न माना जाए।

-विजयपाल, पूर्व कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद रेवाड़ी

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जो टीडीएस काटा गया था, वह तब जमा करवाया गया है, जब मैने पुलिस में शिकायत दी। इस मामले में उस एक अधिकारी का नाम नहीं आया है, जिसकी गलती थी। मैं अभी कानूनी राय लेकर उसके खिलाफ भी शिकायत करूंगा।

-डीके भारद्वाज, शिकायतकर्ता


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