ऊर्जा संरक्षण के लिए लगाएं सोलर सिस्टम: कैप्टन मनोज
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: प्रदेश में ऊर्जा के उचित उपयोग और संरक्षण के लिए विभिन्न भवनों
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: प्रदेश में ऊर्जा के उचित उपयोग और संरक्षण के लिए विभिन्न भवनों एवं क्षेत्रों के प्रवर्ग के लिए सौर फोटोवोल्टिक विद्युत संयंत्र की स्थापना करना जरूरी किया गया है।
अतिरिक्त उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अनुसार नगर परिषद, नगरपालिकाओं, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के सेक्टरों की सीमा के भीतर आने वाले 500 वर्ग गज तथा इससे अधिक आकार के भूखंड पर निर्मित सभी नए आवासीय भवनों के लिए कम से कम एक किलोवाट अथवा संबद्घ भार का पांच प्रतिशत, जो भी अधिक हो, की क्षमता वाले सौर फोटोवोल्टिक विद्युत संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि 30 किलोवाट या अधिक संबद्घ भार वाले सभी नए निजी शैक्षणिक संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों, छात्रावासों, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों इत्यादि के लिए कम से कम पांच किलोवाट, सरकारी भवनों एवं कार्यालयों, सरकारी महाविद्यालयों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, सरकारी शैक्षणिक संस्थानों और महाविद्यालयों के लिए कम से कम दो किलोवाट की क्षमता वाले सौर फोटोवोल्टिक विद्युत संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा।
इसी प्रकार, सभी नए निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मॉल, होटलों, समारोह हॉल तथा पर्यटन परिसरों के लिए कम से कम 10 किलोवाट तथा 1000 किलोवाट से अधिक के संबद्घ भार के लिए कम से कम 50 किलोवाट की क्षमता वाले सौर फोटोवोल्टिक विद्युत संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि अक्षय ऊर्जा विभाग गुणवत्ता या तकनीकी आकलन करेगा। स्थापित संयंत्र नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार या अक्षय ऊर्जा विभाग, हरियाणा या अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (हरेडा) द्वारा विहित तकनीकी निर्देशों का सख्ती से अनुपालना करेंगे। तकनीकी विनिर्देश अक्षय ऊर्जा विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं।