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स्टैकिंग विधि अपनाएं किसान, होगा मुनाफा

बागवानी में स्टैकिंग विधि का प्रयोग कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आधुनिक युग में खेती में नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 04:43 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 04:43 PM (IST)
स्टैकिंग विधि अपनाएं किसान, होगा मुनाफा
स्टैकिंग विधि अपनाएं किसान, होगा मुनाफा

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: बागवानी में स्टैकिंग विधि का प्रयोग कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आधुनिक युग में खेती में नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है। उपायुक्त यशेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सब्जियों में बांस स्टैकिंग व लोहे स्टैकिंग को प्रयोग करने के लिए किसानों को 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बागवानी पोर्टल द्धह्लह्लश्चह्य://द्धश्रह्मह्लद्धड्डह्म4ड्डठ्ठड्डह्यष्द्धद्गद्वद्गह्य.द्बठ्ठ पर आनलाइन आवदेन करना होगा।

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दोनों पर है अलग-अलग अनुदान: उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बांस स्टैकिंग की लागत 62 हजार 500 रुपये प्रति एकड़ पर 31 हजार 250 रुपये से लेकर 56 हजार 250 रुपये तथा लोहा स्टैकिंग लागत एक लाख 41 हजार रुपये प्रति एकड़ पर 70 हजार 500 से लेकर एक लाख 26 हजार रुपये अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बांस स्टैकिंग व लोह स्टैकिंग पर अधिकतम अनुदान क्षेत्र एक से ढाई एकड़ है। इस बारे में अधिक जानकारी वेबसाइट व दूरभाष नंबर 0172-2582322 पर प्राप्त की जा सकती है।

बहुत आसान है स्टैकिंग तकनीक: किसान पहले पुरानी तकनीक से ही सब्जियों और फलों की खेती करते थे, लेकिन अब स्टैकिंग तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर रहे हैं। इस तकनीक में बहुत कम सामान का प्रयोग होता है। स्टैकिंग बांस व लोहे के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है। इस विधि से खेती करने पर सब्जियों की फसल में सड़न नहीं होती क्योंकि वो जमीन पर रहने की बजाए ऊपर लटकी रहती हैं। करेला, टमाटर व लौकी जैसी फसलों को सड़ने से बचाने के लिए यह तकनीक कारगर है। पारंपरिक खेती में कई बार टमाटर की फसल जमीन के संपर्क में आने की वजह से सड़ने लगती है, लेकिन स्टैकिंग तकनीक में ऐसी दिक्कत नहीं होती।


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