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किसान नेता जेल में, हाईवे पर रहा पुलिस का पहरा

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को देखते हुए जिले में बेहतर व्यवस्था रही।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 07:54 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 07:54 PM (IST)
किसान नेता जेल में, हाईवे पर रहा पुलिस का पहरा
किसान नेता जेल में, हाईवे पर रहा पुलिस का पहरा

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को देखते हुए बृहस्पतिवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे पूरी तरह से पुलिस के पहरे में रहा। राजस्थान से लगती सीमाओं पर पुलिस ने नाकेबंदी की हुई थी तथा दक्षिण रेंज के आइजी विकास अरोड़ा एवं एसपी अभिषेक जोरवाल गश्त करके खुद पूरी स्थिति का जायजा ले रहे थे। हालांकि जिले में किसान आंदोलन का जरा भी असर नजर नहीं आया। इसका बड़ा कारण यह रहा कि पुलिस ने तमाम बड़े किसान नेताओं को बुधवार को ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। वहीं, जो अन्य सक्रिय कार्यकर्ता थे, उनको घर में ही नजरबंद किया हुआ था। दूसरी ओर विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने नेहरू पार्क में धरना दिया तथा इसके पश्चात प्रदर्शन करके राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। राजस्थान सीमा पर रही विशेष निगाह किसान आंदोलन को देखते हुए हाईवे के साथ लगती राजस्थान सीमा पर विशेष चौकसी की गई थी। जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर, भिवाड़ी की तरफ से धारूहेड़ा को आने वाले मार्ग पर बेरिकेड्स लगाए गए थे। इतना ही नहीं बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिस बल राजस्थान की ओर से आने वाले हर वाहन की बारिकी से जांच कर रहे थे। उन्हें संदेह था कि किसान कभी भी हाईवे पर एकत्रित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त कापड़ीवास के निकट भी पुलिस बल की तैनाती थी। तमाम सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक विकास अरोड़ा व पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल खुद भी जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर तक पहुंचे तथा जवानों से मुस्तैदी से तैनात रहने के लिए कहा। कसौला थाना प्रभारी मेधा भूषण भी इस दौरान मौजूद रहीं। शांत रहा जिला क्योंकि पुलिस कर चुकी थी अपना काम किसान आंदोलन की चिगारी से रेवाड़ी भी अछूता रहने वाला नहीं था, लेकिन पुलिस बुधवार को ही अपना काम कर चुकी थी। बुधवार को पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष समय सिंह, उपप्रधान अशोक मूसेपुर, किसान संघ के महासचिव रामकिशन महलावत, जिलाध्यक्ष भजनलाल, जय किसान आंदोलन के जिलाध्यक्ष धर्मपाल को गिरफ्तार कर लिया था। सभी बड़े किसान नेताओं को गिरफ्तार करने के साथ ही अन्य को नजरबंद कर दिया गया था। इन सभी गिरफ्तार नेताओं को जेल भेजा हुआ है। वहीं, इस बात का अंदेशा अन्य किसान नेताओं को हो गया था इसलिए वे पहले ही जिला को छोड़कर मेवात चले गए थे तथा वहीं से आंदोलन में शामिल हुए थे। गुरुग्राम में स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव के साथ जिले के कुछ अन्य किसान नेताओं की भी गिरफ्तारी हुई है।

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कर्मचारियों ने की हड़ताल केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व फेडरेशनों की संयुक्त समन्वय कमेटी से जुड़े हुए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल की। विभिन्न विभागों के कर्मचारी जवाहर लाल नेहरू पार्क में एकत्रित हुए। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार तेजी से निजीकरण की ओर बढ़ रही है। सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। 44 श्रमिक कानूनों को समाप्त करके 4 मजदूर विरोध लेबर कोड बनाकर श्रमिकों के अधिकारों का हनन किया गया है। कर्मचारियों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं है तथा रोजगार छीना जा रहा है। कर्मचारी नेहरू पार्क से प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे तथा यहां पर नगराधीश को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गरीबों को 7,500 रुपये व 10 किलो राशन प्रतिमाह देने, बनाए गए 4 लेबर कोड रद करने, निजीकरण पर रोक लगाने, पुरानी पेंशन नीति को लागू करने व कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग रखी गई। कर्मचारियों के आंदोलन में बिजली निगम, लोकनिर्माण विभाग, नगर परिषद सफाई कर्मचारियों, दमकल कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, इनकम टैक्स व रोडवेज आदि विभागों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।


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