पंच पर्व के स्वागत को तैयार हर कोई
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: खुशी और उल्लास से भरा दीप पर्व के स्वागत को हर कोई बेसब्री से इ
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
खुशी और उल्लास से भरा दीप पर्व के स्वागत को हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 5 नवंबर से पांच दिन तक चलने वाले पंच पर्व को लेकर घर और बाजार में साफ-सफाई और खरीदारी जोरशोर से चल रही है। बाजार ग्राहकों के स्वागत के लिए गुलजार हो गए हैं। लोग भी दिवाली की खरीदारी में जुट गए हैं। पंडित और ज्योतिषियों के अनुसार 5 नवंबर को धनतेरस के साथ दीपोत्सव का आगाज होगा। लोग धन के देवता कुबेर की आराधना कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं। इस दिन कुछ न कुछ खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की भी पूजा की जाती है। पिछले तीन साल से सरकार की ओर से विश्व धन्वंतरि दिवस मनाते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पंच पर्व के दूसरे दिन 6 नवंबर को नरक चतुर्दशी :
पंचपर्व के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इसे रूप चौदस या छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन लोग घर और प्रतिष्ठान में एक दीपक जलाकर अंधेरे के खिलाफ जागरूक होने का संदेश देते हैं। दिवाली सात को :
तीसरे दिन अंधेरे से उजियारे का प्रतीक दिवाली 7 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह के समय व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पूजा अर्चना के बाद शाम को धन की देवी लक्ष्मी और शुभता के स्वामी भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाएगी। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीप जलाए जाएंगे। 8 नवंबर को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट :
दिवाली के अगले दिन 8 नवंबर को कृष्ण रूपी गोवर्धन की पूजा की जाएगी। गोबर से गोवर्धन पर्वत और अन्य प्रतीक बनाकर उनका पूजन किया जाएगा। इस दिन पशुधन की भी पूजा होती है। घर और मंदिरों में छप्पन भोग बनाकर भगवान को भोग लगाने की परंपरा भी है। भाई दूज के साथ होगा समापन :
पंच पर्व का समापन 9 नवंबर को भाई दूज के साथ होगा। इस दिन बहने भाई का तिलक लगाकर उनकी उन्नति और खुशी की कामना करती हैं। इसके साथ ही पांच दिनों का यह पर्व समाप्त होगा।