कारगर होंगी ई-नोटिस सुविधाएं: मनीषा बतरा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमति मनीषा बतरा ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा लांच किए गए सीसीआर एंड्राएड बेस्ड मोबाईल एप्लीकेशन, ऑनलाईन ग्रीवेंस व फीडबैक सिस्टम, एसबीआइ मॉप्स व सांझ केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाने वाले ई-नोटिस आदि सुविधाएं लोगों के लिए काफी कारगर साबित होगी।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीषा बतरा ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा लांच किए गए सीसीआर एंड्रायड बेस्ड मोबाइल एप्लीकेशन, ऑनलाइन ग्रीवेंस व फीडबैक सिस्टम, एसबीआइ मॉप्स व सांझ केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाने वाले ई-नोटिस आदि सुविधाएं लोगों के लिए काफी कारगर साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा लांच किए गए सीसीआर एंड्राएड बेस्ड मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में फाईल किए गए केस की नवीनतम स्थिति मोबाइल फोन पर भी प्राप्त की जा सकती है। ऑनलाइन ग्रीवेंस व फीडबैक सिस्टम एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपना फीडबैक दे सकता है और कोई कोर्ट तथा पंजाब हरियाणा एवं यूटी चंडीगढ़ की मातहत कोर्ट के बारे में ग्रीवेंस दर्ज करा सकता है।
उन्होंने बताया कि एसबीआइ मॉप्स सिस्टम के माध्यम से कोई भी व्यक्ति पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट केस की ऑनलाइन प्रति निर्धारित फीस पर जनरेट कर सकता है और ऑनलाइन निरीक्षण के लिए एप्लाई कर सकता है। उन्होंने बताया कि ई-नोटिस के माध्यम से नोटिस मिलने में तेजी आएगी और लोगों को सुविधा मिलेगी। इसी प्रकार एसपीआई मॉप्स, एसआइएमएस, वेब एप्लीकेशन, क्रिस्टल रिपोर्ट सॉफ्टवेयर आदि भी लोगों के लिए कारगर हैं, जिनका लोगों को भरपूर प्रयोग करना चाहिए। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए मुख्य दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
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8 को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत
जासं, रेवाड़ी: विधिक सेवाएं प्राधिकरण रेवाड़ी की ओर से 8 सितंबर को स्थानीय न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कीर्ति जैन ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी भाईचारे से वाहन दुर्घटना मुआवजा केस से संबंधित मामले, मजदूरी विवाद, दीवानी मामले जैसे कि बैंक ऋण, राजस्व, नौकरी से संबंधित मामले आदि, बच्चों व पत्नी के लिए भरण-पोषण आदि से संबंधित, विवाहिक, जमीन अधिग्रहण से संबंधित, बाढ़ पीडित, बिजली पानी बिल से संबंधित, चेक बाउंस आदि विवादों का निपटारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोई अन्य विवाद जो अदालत में लंबित नहीं है वह भी लोक अदालत में लिया जा सकता है। उन्होंने ने बताया कि लोक अदालत के कई फायदे है, जैसे दोनों पक्षों की रजामंदी से शांतिपूर्ण समझौता, लंबा इंतजार खत्म, मुकदमे की हमेशा के लिए समाप्ति, लोक अदालत में फैसला होने पर कोई अपील नहीं, लोक अदालत में फैसला होने पर सारी कोर्ट फीस वापस, समान न्याय, ना किसी की जीत ना किसी की हार तथा द्वेष भावना खत्म, प्रतिपक्षी से आपसी भाईचारा व दोस्ती का संबंध शामिल है।