तब अकारण जेल में डाल दिए थे लोकतंत्र के 12 प्रहरी
आपातकाल लागू करने के फैसले के खिलाफ रेवाड़ी जिला भी देश के साथ खड़ा था। यहां के सैकड़ों लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया था। एक समय ऐसा भी आया जब लोकतंत्र के 12 प्रहरियों को अकारण जेल में डाल दिया गया लेकिन इनकी हिम्मत और हौसला नहीं डिगा।
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: आपातकाल लागू करने के फैसले के खिलाफ रेवाड़ी जिला भी देश के साथ खड़ा था। यहां के सैकड़ों लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया था। एक समय ऐसा भी आया जब लोकतंत्र के 12 प्रहरियों को अकारण जेल में डाल दिया गया, लेकिन इनकी हिम्मत और हौसला नहीं डिगा।
मंगलवार को देश में एक बार फिर आपातकाल की कड़वी यादों पर चर्चा होगी। 25 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के बाद यूं तो विरोध के स्वर हर जगह से उभर रहे थे, लेकिन कुछ नाम ऐसे भी थे जिनका जिक्र किए बिना आपातकाल की बात अधूरी रहेगी। रेवाड़ी जिले से लोकतंत्र के जिन 12 प्रहरियों को जेल में डाला गया था उनमें एक नाम ओमप्रकाश ग्रोवर का भी था। दादरी जेल में ग्रोवर को उस समय 22 किग्रा की बेड़ियां पहना दी गई जब उन्होंने भारत माता की जय सहित राष्ट्रभक्ति के अन्य नारे लगाने शुरू कर दिए। हालांकि अगले दिन बेड़ी खोल दी गई, लेकिन यातनाओं का दौर जारी रहा। ओमप्रकाश ग्रोवर के अलावा उनके बेटे सुनील ग्रोवर को भी जेल की यातना सहनी पड़ी। उन्होंने कुछ समय अपने पिता के साथ जेल में भी बिताया। ग्रोवर वर्ष 1998 से 2000 तक भाजपा के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रहे, लेकिन इससे पूर्व उन्होंने लंबे समय तक संघ की सेवा की। करीब 14 साल की उम्र में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाना शुरू कर दिया था। ग्रोवर आपातकाल सहित अपने जीवन में 16 बार जेल गए। ओपी ग्रोवर का इसी वर्ष एक मार्च को निधन हो गया था।
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जेल जाने वालों में कई नाम
आपातकाल के दौरान जेल जाने के आधार पर पेंशन पाने वालों में जिनके नाम शामिल हैं उनमें ओपी ग्रोवर, सुनील ग्रोवर, लक्ष्मीनारायण, ओमप्रकाश राजपाल, वजीरचंद ट्रंक वाले, जगदीश सपड़ा, पूरन चंद, राधेश्याम बिस्कुटवाले, वीर कुमार यादव, रामरतन व विजय गुप्ता शामिल हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे नाम हैं जो किसी कारण से सबूत नहीं जुटा पाए। मनोहर सरकार ने पहली बार इनके लिए पेंशन शुरू की है।
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लोकतंत्र सेनानी संगठन की पहल
तीन वर्ष पूर्व लोकतंत्र सेनानी संगठन का हरियाणा में कामकाज बढ़ा। इसकी रेवाड़ी जिला इकाई की कमान सुनील ग्रोवर को सौंपी गई। लक्ष्मीनारायण इस संगठन के सचिव हैं। यह संगठन आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों व उस समय इस लोकतंत्र विरोधी कदम का विरोध करने वालों के हितों की रक्षा करता है।
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आपातकाल का दौर क्रूर था। पहले मेरे पिता ओपी ग्रोवर को 25 जुलाई 1975 को गिरफ्तार किया गया था। 12 अगस्त तक रेवाड़ी जेल में व इसके बाद 25 अगस्त तक दादरी जेल में रखा गया। बाद में 15 सितंबर तक फिर से रेवाड़ी जेल में रखा गया। मेरी गिरफ्तारी 4 जुलाई 1975 को हुई थी। 5 जुलाई से 8 जुलाई तक नारनौल जेल में रखा गया। इसके बाद 12 जुलाई तक रेवाड़ी जेल में रखा गया। इसके बाद मुझे भी दादरी भेज दिया गया। 19 अगस्त तक दादरी जेल में रहने के बाद मुझे रेवाड़ी जेल लाया गया। यहां से 1 दिसंबर को जमानत मिली। कुछ नाम अभी रह रहे हैं। जेल जाने वालों की सूची थोड़ी लंबी हो सकती है।
-सुनील ग्रोवर, अध्यक्ष
लोकतंत्र सेनानी संगठन-रेवाड़ी