मतदान करने की रहती थी उत्सुकता
साल दर साल चुनाव प्रक्रिया में बदलाव आता जा रहा है। तकनीक ने चुनाव प्रक्रिया को आसान कर दिया है। पहले लोगों में चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उत्सुकता रहती थी लेकिन अब लोग चुनाव की छुट्टी का अन्य कार्यों में उपयोग करते हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : साल दर साल चुनाव प्रक्रिया में बदलाव आता जा रहा है। तकनीक ने चुनाव प्रक्रिया को आसान कर दिया है। पहले लोगों में चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उत्सुकता रहती थी लेकिन अब लोग चुनाव की छुट्टी का अन्य कार्यों में उपयोग करते हैं। 80 या इससे अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिक अपने युवा अवस्था के दौरान के चुनाव की गतिविधियों को याद करते हुए अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।
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चुनाव कराने की प्रक्रिया में काफी बदलाव आया है। मैंने अपनी 78 साल की उम्र में चुनाव के मामले में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं। पहले चुनाव चिह्न देखते ही स्वास्तिक का निशान आसानी से लगा लेते थे। राजनीतिक पार्टियों की संख्या कम होती थी तो उम्मीदवारों का चयन करने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती थी लेकिन अब राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि किसे वोट दें और किसे नहीं। ईवीएम की तकनीक को समझने वालों के लिए मतदान प्रक्रिया आसान हो गई है। हम जैसे वृद्धों को तकनीक के बारे में समझने में थोड़ा समय लगता है। हर चुनाव में नई तकनीक आ रही है।
लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, सेक्टर एक
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मेरी उम्र 82 साल है। मैंने हर चुनाव में मतदान किया है। हमारे समय चुनाव को लेकर काफी उत्सुकता रहती थी। उस वक्त उम्मीदवारों को नहीं पार्टी को वोट देते थे। अब पार्टी के बजाय उम्मीदवारों के चेहरों को देखते हैं। चुनाव प्रचार का तौर तरीका भी काफी बदल गया है। जिस प्रकार आजकल राजनीतिक पार्टियां जलसा और सभा करते हैं पहले एक दो ही सभाएं ही होती थीं। आजकल तो पार्टियों की संख्या भी बहुत बढ़ गई है। पहले गिनी चुनी तीन चार पार्टियां ही होती थीं।
कंवर सिंह, भाकली।