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हिदू संस्कृति की अनूठी पाठशाला है शौर्य शिविर

महेश कुमार वैद्य रेवाड़ी स्थान यहां के दिल्ली रोड़ पर गांव मसानी के पास स्थित गुरुकुलम स्कूल। अधिकांश लोगों ने अभी बिस्तर नहीं छोड़ा है लेकिन प्रदेश के कोने-कोने से आई सौ से अधिक बेटियों मां भारती की शक्ति के लिए उठ चुकी है। सूर्योदय से पूर्व ही यहां विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो चुका है। कहीं बहन-बेटियां लाठी चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं तो कहीं नियुद्ध (मुष्टि प्रहार) से खुद को मजबूत बना रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 07:30 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 06:32 AM (IST)
हिदू संस्कृति की अनूठी पाठशाला है शौर्य शिविर
हिदू संस्कृति की अनूठी पाठशाला है शौर्य शिविर

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: स्थान: यहां के दिल्ली रोड पर गांव मसानी के पास स्थित गुरुकुलम स्कूल। अधिकांश लोगों ने अभी बिस्तर नहीं छोड़ा है, लेकिन प्रदेश के कोने-कोने से आई सौ से अधिक बेटियों मां भारती की शक्ति के लिए उठ चुकी है। सूर्योदय से पूर्व ही यहां विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो चुका है। कहीं बहन-बेटियां लाठी चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं तो कहीं नियुद्ध (मुष्टि प्रहार) से खुद को मजबूत बना रही है। ये ²श्य है गुरुकुलम स्कूल में चल रहे दुर्गावाहिनी के प्रांतीय शौर्य प्रशिक्षण वर्ग का। सही मायने में यह वर्ग (शिविर) हिदू संस्कृति को जीवंत रखने की अनूठी पाठशाला है।

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यहां प्रशिक्षण लेने पहुंची बेटियों का उत्साह उम्मीद जगाता है। इनका हौसला यह आशा जगाता है कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के बावजूद अभी सनातन संस्कृति जीवंत है। जब तक ऐसी बेटियां मौजूद हैं तब तक संस्कारों पर टिकी हमारी सनातन संस्कृति को खरोंच तक नहीं पहुंच सकती है। प्रशिक्षण ले रही बेटियों के पंच से मानो एक ही आवाज आ रही है कि-दुश्मनों के लिए फौलाद हैं हम। अबला नहीं सबला है हम। सप्ताह भर होगा कई विषयों पर मंथन

विश्व हिदू परिषद की महिला इकाई दुर्गावाहिनी की ओर से आयोजित किए जा रहे इस शिविर का शुभारंभ 9 जून को हुआ था। समापन 15 जून को होगा। इस दौरान सप्ताहभर कई विषयों पर गंभीर मंथन होगा। विहिप के प्रांत मंत्री ऋषिपाल कुटुम्ब प्रबोधन पर अपने विचार व्यक्त करेंगे, जबकि प्रांत संगठन मंत्री प्रेमशंकर राम जन्मभूमि के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। स्त्री सम्मान पर डॉ. इंदु राव विचार व्यक्त करेंगी। इसी क्रम में अलग-अलग पदाधिकारी प्रशिक्षुओं का ज्ञानवर्धन करेंगे। इस दौरान लव-जेहाद पर भी चर्चा होगी तथा हिदू घर-स्वदेशी, नारी स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ, कानून की आड़ में सामाजिक व धार्मिक आक्रमण, हिदू व्रत-उत्सवों की वैज्ञानिकता, सेवाकार्य का महत्व, हिदू संस्कृति की विशेषताएं, गौरवशाली इतिहास व कई प्रमुख विषयों की जानकारी दी जाएगी। प्रतिदिन सत्संग होगा। प्रशिक्षण के लिए पहुंची बेटियों को उरी फिल्म भी दिखाई जाएगी। इसके अलावा शस्त्र पूजन व अंताक्षरी का अनुभव भी कुछ अलग रहेगा। अंतिम दिन अनुभव कथन भी प्रशिक्षण वर्ग का मुख्य आकर्षण रहेगा।


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