प्लास्टिक के कप, डंडी और ईयर बड़ तक पर लगेगा प्रतिबंध
एक जुलाई से जिले में सिगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल भंडारण और बिक्री पर पूर्णतया रोक लग जाएगी।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : एक जुलाई से जिले में सिगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, भंडारण और बिक्री पर पूर्णतया रोक लग जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से आगामी एक जुलाई से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के तहत प्रभावी एक्शन प्लान के माध्यम से सिगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) से संबंधित वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली गई है। नगर परिषद रेवाड़ी सीमा में 75 माइक्रोन से नीचे के सभी प्रकार के प्लास्टिक का प्रयोग वर्जित कर दिए गए हैं। एक जुलाई से प्लास्टिक की डंडियों वाले इयर बड, गुब्बारा स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, लालीपाप की डंडी, आइसक्रीम की डंडी, थर्माकोल के सजावटी सामान, प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, मिठाई के डिब्बों पर लगने वाली पन्नी, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र, सौ माइक्रोन से नीचे के सभी बैनर प्रतिबंधित होंगे।
अहम बात यह है कि जिन चीजों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है शहर में उनका करोड़ों का स्टाक मौजूद है। ऐसे में व्यापारियों को मोटा घाटा होना तय है। बहुत से व्यापारियों ने तो अपना माल औने पौने दामों पर निकालना भी शुरू कर दिया है।
नियमों की अवहेलना करने वालों के होंगे चालान :
नगर परिषद क्षेत्र में कोई व्यक्ति, पालीथिन का थोक विक्रेता, दुकानों पर, होटलों पर, रेहड़ियों व फड़ी पर, सब्जी मंडी आदि में प्रयोग लाना वर्जित है। नप द्वारा पालिथीन रोकथाम अभियान के दौरान यदि कोई भी व्यक्ति पालीथिन का प्रयोग करते हुए पकड़ा या स्टाक करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के तहत कार्रवाई करते हुए चालान किया जाएगा। प्लास्टिक से संबंधित सामान जैसे प्लास्टिक बैग, डिस्पोजेबल सामान आदि जब्त कर लिया जाएगा।
500 से 25 हजार तक लगेगा जुर्माना :
नगर परिषद द्वारा पालीथिन रोकथाम अभियान के दौरान 100 ग्राम या इससे कम वजन पर पांच सौ रुपये, 101 से 500 ग्राम वजन तक 1500 रुपये, 501 से 1 किलोग्राम वजन तक तीन हजार रुपये, एक से पांच किलोग्राम वजन तक दस हजार रुपये, पांच से 10 किलोग्राम वजन तक बीस हजार रुपये तथा 10 किलोग्राम या इससे अधिक वजन पकड़े जाने पर 25 हजार रुपये जुर्माना राशि वसूल की जाएगी।
कई लोगों ने लगाई है फैक्ट्री : सिगल यूज वाले प्लास्टिक की कई लोगों ने फैक्ट्री भी लगाई हुई है। घर में ही छोटी मशीनें लगाकर इनका उत्पादन भी किया जा रहा है। ऐसे में सिगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने से उनके माथे पर भी पसीना आया हुआ है।
वर्जन :::
केंद्र सरकार प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल को रोकने के लिए एक जुलाई से सिगल यूज वाले प्लास्टिक पर बैन लगा रही है। हमने संबंधित अधिकारियों को जिले में प्लास्टिक वेस्ट रूल्स की कड़ाई एवं सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
- अशोक कुमार गर्ग, उपायुक्त