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चुनावी वर्ष में मुद्दा बना मनेठी एम्स

अभी तक की स्थिति यह है कि राज्य सरकार ने गेंद केंद्र के पाले में डाली हुई है। इस बार बजट सत्र में वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने मनेठी में एम्स बनाने का संकल्प तो व्यक्त किया, लेकिन दो लाइन के जुबानी जमाखर्च के अलावा कुछ नहीं था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 07:36 PM (IST)
चुनावी वर्ष में मुद्दा बना मनेठी एम्स
चुनावी वर्ष में मुद्दा बना मनेठी एम्स

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी

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तीन वर्ष से भी पहले की गई यहां के गांव मनेठी में एम्स स्थापित करने की मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा पर अमल न होने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। मनोहर का वादा पूरा करने की चाबी केंद्र के पास है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा 200 एकड़ जमीन देने के बावजूद जमीन पर एक ईंट नहीं लगी है। खुद को ठगा महसूस कर रहे ग्रामीणों ने रविवार को संघर्ष का ऐलान कर दिया है।

मोर्चा खोलने वालों में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह समर्थक भी शामिल हैं। रविवार की महापंचायत में सरपंच श्योताज ¨सह बेशक अध्यक्षीय भूमिका में थे, लेकिन राव के खास सिपहसालार डॉ. अर¨वद कुंड व राव इंद्रजीत ¨सह के कई अन्य समर्थकों की अहम भूमिका रही। ग्रामीणों को उम्मीद है कि चुनावी वर्ष में दबाव से एम्स का तोहफा मिल सकता है। इसी कारण अब नहीं तो कभी नहीं का नारा लगने लगा है।

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सीएम ने लिखा था डीओ लेटर इस बार बजट सत्र में वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने मनेठी में एम्स बनाने का संकल्प तो व्यक्त किया, लेकिन दो लाइन के जुबानी जमाखर्च के अलावा

कुछ नहीं था। कुछ महीने पहले सीएम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को डीओ लेटर लिखा था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अर¨वद यादव ने गत माह मुख्यमंत्री से माजरा श्योराज गांव में मेडिकल कालेज बनाने की मांग की तब मुख्यमंत्री ने उनके प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता मनेठी एम्स है। तब जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. बनवारीलाल सहित कई पार्टी पदाधिकारी वहां मौजूद थे। इस घटनाक्रम के बाद यह माना जा रहा है कि सीएम के मन में मनेठी है अवश्य।

बावल रैली में हुई थी घोषणा

डॉ. बनवारी लाल ने ही 4 जुलाई 2015 को बावल रैली में अहीरवाल के 11 विधायकों की ओर से एम्स का मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा था। तब मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह ने खुद इस प्रस्ताव की पुरजोर पैरवी की थी।

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एम्स के मुद्दे पर बिफर चुके हैं राव

मनेठी में एम्स की स्थापना न होने का दर्द राव सार्वनजिक रूप से प्रकट भी कर चुके हैं। पिछले वर्ष गोठड़ा गांव की सभा में उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था। राव ने इस वर्ष बजट से पूर्व खुद सीएम के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की थी, लेकिन बात नहीं बनी। विपक्ष अब इस पर आक्रामक है, जबकि भाजपा इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में है।

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हमारी उम्मीद टूटी नहीं है। सीएम ने पिछले महीने ही यह आश्वासन दिया था कि रेवाड़ी में किसी अन्य स्थान पर मेडिकल कालेज की संभावना पर सरकार विचार नहीं कर रही है। सरकार की प्राथमिकता मनेठी में एम्स बनाना है। यह काम केंद्र के स्तर पर होना है। हम मुख्यमंत्री व राव इंद्रजीत ¨सह से ठोस पैरवी का अनुरोध करेंगे।

-डॉ. बनवारीलाल, जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री


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