कार बेचने का झांसा देकर 2.31 लाख की ठगी
अपने आप को सेना का जवान बता कर शातिर ठग ने कार बेचने के बहाने से एक व्यक्ति से दो लाख 31 हजार रुपये ठग लिए। पीड़ित व्यक्ति को न तो कार मिली और नही पैसे वापस आए। ठगी का पता लगने के बाद पीड़ित ने धारूहेड़ा थाना पुलिस को शिकायत दी है।
संवाद सहयोगी, धारूहेड़ा : अपने आप को सेना का जवान बताकर शातिर ठग ने कार बेचने के बहाने से एक व्यक्ति से दो लाख 31 हजार रुपये ठग लिए।
धारूहेड़ा थाना पुलिस को दी शिकायत में गांव भटसाना निवासी भारत भूषण ने कहा है कि उन्होंने 29 फरवरी को एक वेबसाइट पर एक अर्टिगा कार बेचने का विज्ञापन देखा था। उन्होंने वेबसाइट पर दिए नंबर पर संपर्क किया। कार बेचने वाले ने अपना नाम गांव मीरपुर निवासी जयकिशन बताया तथा अपना आधार कार्ड व आर्मी के पहचान पत्र की फोटो भी उन्हें भेजी। जय किशन ने कार की फोटो भी उन्हें वाट्सएप पर भेजी, जिसके बाद एक लाख 80 हजार रुपये में कार की डील फाइनल हो गई। भारतभूषण ने अपने आधार कार्ड की फोटो कापी भी वाट्सएप पर भेज दी। जयकिशन ने उनसे 5650 रुपये ट्रांसपोर्ट चार्ज के रूप में मांगे। भारतभूषण ने मोबाइल से जयकिशन द्वारा दिए गए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए, जिसके बाद ट्रांसपोर्ट की रसीद भी उन्हें भेज दी। आरोपित ने बताया कि एक मार्च को तीन बजे तक ट्रांसपोर्ट के जरिए उनके पास कार पहुंच जाएगी तथा ट्रांसपोर्टर का नंबर भी दिया। ट्रांसपोर्टर ने भी बताया कि तीन बजे तक उनके पास कार पहुंच जाएगी। इसके बाद जयकिशन ने कार की कीमत जमा कराने के लिए कहा। उन्होंने आनलाइन ही एक लाख 80 हजार रुपये जयकिशन द्वारा दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। दो मार्च तक कार नहीं पहुंची तो उन्होंने फिर से जयकिशन से संपर्क किया। आरोपित ने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए 51,400 रुपये और जमा कराने के लिए कहा। उन्होंने जयकिशन द्वारा दिए गए हेमलाल साहू के खाते में 10 हजार रुपये व सतीश कुमार के खाते में 40 हजार रुपये जमा कर दिए। इसके अतिरिक्त 1400 रुपये मनी ट्रांसफर के जरिए भेज दिए। पैसे जमा कराने के बाद भी भारतभूषण के पास कार नहीं पहुंची। उन्होंने दोबारा से संपर्क किया तो और पैसे जमा कराने के लिए कहा। गुम हुए कागजात पर की ठगी भारत भूषण गांव मीरपुर के सरपंच के जरिए जयकिशन के घर पहुंचे। वहां उनकी जयकिशन से मुलाकात भी हुई। जयकिशन ने बताया कि वह आर्मी में ही कार्यरत है तथा करीब तीन साल पहले उनका आर्मी का पहचान पत्र व अन्य कागजात गुम हो गए थे। कागजात गुम होने की एफआइआर भी उन्होंने तीन साल पहले ही थाने में कराई हुई है। किसी ने गुम हुए कागजात के आधार पर जयकिशन बन कर भारतभूषण को ठग लिया। असली जयकिशन से मुलाकात होने के बाद उन्हों ठगे जाने का पता लगा, जिसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी। भारतभूषण की शिकायत पर धारूहेड़ा थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।