जमीन को बंजर होने से बचाएगी जौ की बिजाई
जागरण संवाददाता रेवाड़ी कृषि क्षेत्र में नए नए प्रयोग हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : कृषि क्षेत्र में नए नए प्रयोग हो रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार खेतीबाड़ी में बदलाव करते हुए जमीन को बंजर होने से बचाया सकता है। बावल स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के निदेशक डा. बिक्रम सिंह यादव का कहना है कि इन दिनों किसान जौ की बिजाई कर जमीन को बंजर होने से बचा सकते हैं। उन्होंने किसानों को 30 नवंबर तक जौ की बिजाई करने की सलाह दी। ़मिट्टी-पानी विशेषज्ञ डा. प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि पिछले दो साल के दौरान जमीन की ऊपरी सतह यानी एक इंच जमीन में लवण की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है, जो गेहूं की पैदावार को प्रभावित करने का मुख्य कारण है। मिट्टी में नमक की मात्रा बढ़ने से पौधों में मिट्टी से पानी व पोषण तत्वों को शोषण करने की क्षमता कम कर देता है। जलवायु परिवर्तन के साथ वार्षिक वर्षा कम होने से यह समस्या बढ़ती जा रही है। पिछले दो दशक की बात करें तो इस दौरान जहां क्षेत्र में वार्षिक वर्षा 500 से 700 मिलीमीटर थी वहीं वर्ष 2019-20 में घटकर वार्षिक 300 मिलीमीटर रह गई है। केंद्र में उपलब्ध है उपचारित बीज बावल स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान के निदेशक डा. बिक्रम सिंह का कहना है कि दक्षिण पश्चिम हरियाणा के जिलों में करीब 70-80 फीसद जमीन में लवण की मात्रा अधिक है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि ग्वार व कपास के बाद अब किसान जौ की खेती करेंगे तो जमीन को बंजर होने से बचाया जा सकता है। 30 नवंबर तक जौ की बिजाई कर सकते हैं। जौ के उपचारित बीज केंद्र में उपलब्ध कराई गई है। किसान किसी भी कार्यदिवस पर जौ के बीज खरीद सकते हैं। यहां 35 किग्रा बीज का बैग 595 रुपये में उपलब्ध है।