बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, किसान हुए ¨चतित
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : मानसूनी सीजन के दौरान बारिश को तरस गए किसानों की ¨चता अभी भी
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : मानसूनी सीजन के दौरान बारिश को तरस गए किसानों की ¨चता अभी भी दूर नहीं हुई है। अब ¨चता कम बारिश की नहीं अपितु बारिश होने से हो रही है। कई दिनों के अंतराल बाद जिला में फिर से हुई बारिश की वजह से बाजरा के साथ कपास की भी फसल में नुकसान की संभावना बढ़ गई है। वहीं मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि आज भी बारिश हो सकती है।
रातभर रही बारिश की झंडी, रेवाड़ी में सर्वाधिक
मौसम विभाग ने 22 से 24 सितंबर तक जिला में बारिश की संभावना जताई थी जिसके चलते शुक्रवार को दिनभर बारिश का मौसम तो बना रहा लेकिन बारिश नहीं हुई। रात करीब आठ बजे जिले में बारिश का दौर शुरू हुआ तथा यह रातभर चलता रहा। इस अवधि में कभी तेज तो कभी हलकी बारिश होती रही। बारिश के कारण पिछले कई दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान चल रहे लोगों को काफी राहत मिली तथा शहर में हुए जगह-जगह जलभराव से पैदल व वाहन चालकों को कभी परेशानी हुई। हालांकि सुबह के समय बारिश का दौर थम गया जिससे लोगों को काफी हद तक राहत भी मिली। हालांकि बारिश की वजह से शहर में कई स्थानों पर जलभराव भी हो गया। शनिवार सुबह 8 बजे सर्वाधिक 20 एमएम बारिश रेवाड़ी में दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त नाहड़ में 18 एमएम, जाटूसाना में 17 एमएम तथा बावल में 10 एमएम बारिश दर्ज की गई है। वहीं मौसम विशेषज्ञों ने जिला में रविवार को भी बारिश की संभावना जताई है।
मंडी में आया बाजरा भीगा
बरसात के कारण नई अनाजमंडी में आया सैंकड़ों क्विंटल बाजरा भी भीग गया। फिलहाल आ रहे बाजरे को ज्यादातर किसान फड़ों पर ही सुखा देते हैं। बीती रात आई बरसात में फड़ों पर रखा किसानों व आढ़तियों का बाजरा भी भीग गया। ऐसे में सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है।
कपास में नुकसान से ¨चतित
बारिश की वजह से सबसे अधिक ¨चता कपास उत्पादक किसानों की है। इस बार जिला में कपास का रकबा 12 हजार हेक्टेयर से भी अधिक है और कपास अब पक गई है, जिससे अब होने वाली बारिश के कारण नुकसान होने की संभावना है। ऐसे में किसानों को मौसम खुलने तक इंतजार करना भी पड़ेगा। वहीं जिन किसानों ने बाजरा की कटाई करा ली है उनकी भी ¨चता बढ़ी हुई है। एडीओ नरेश कुमार ने बताया कि बाजरा की पछेती किस्म की अभी कटाई चल रही है।