आज बादशाहपुर में दिग्गजों की बादशाहत की परीक्षा
बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर में सोमवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का दूरगामी असर होगा। रैली में जुटने वाली भीड़ तथा प्रधानमंत्री व अन्य वरिष्ठ नेताओं का संबोधन हरियाणा की राजनीति के दिग्गजों की बादशाहत कायम करेगा।
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर में सोमवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का दूरगामी असर होगा। रैली में जुटने वाली भीड़ तथा प्रधानमंत्री व अन्य वरिष्ठ नेताओं का संबोधन हरियाणा की राजनीति के दिग्गजों की बादशाहत कायम करेगा। सुल्तानपुर के मैदान से न केवल मनोहर छवि के सुल्तान की दिल्ली दरबार में राजनीतिक पकड़ की परख होगी बल्कि अहीरवाल के बादशाह का कद भी तय होगा।
मोदी की रैली में यह भी तय होगा कि बादशाहपुर के बादशाह सिर्फ बादशाहपुर के रहेंगे या उन्हें अहीरवाल की बादशाहत सौंपने की तैयारी की जा रही है। कुल मिलाकर सुल्तानपुर में सुल्तान से लेकर वजीरों तक सभी का कद तय होगा। यह
रैली सत्ता की कमान संभालने वाले मनोहरलाल के अलावा संगठन की कमान संभालने वाले प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की क्षमता की भी परीक्षा होगी। रैली में भीड़ जुटाने का दारोमदार गुरुग्राम जिले के बाद रेवाड़ी व झज्जर जिलों पर है। रोहतक व साथ सटे अन्य पांच जिलों से भी पार्टी ने भीड़ जुटाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। कृषि मंत्री ओपी धनखड़ जहां झज्जर में ताकत लगा रहे हैं वहीं राव नरबीर ¨सह गुरुग्राम के अलावा रेवाड़ी व सोहना तक कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहे हैं।
उद्योग मंत्री विपुल गोयल सहित प्रदेश के कई अन्य मंत्री भी रैली की कामयाबी के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। केंद्रीय योजना मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह ने भी भाजपाइयों की बैठकों में सुल्तानपुर पहुंचने का निमंत्रण दिया है। विशेष बात यह है कि राव खेमा अब यह भी कहने लग गया है कि अगर मोदी की रैली नहीं होती तो उनके नेता दूर रहते। दो-तीन कामों की तारीफ के बावजूद राव का मनोहर से याराना नहीं बन पा रहा है। इंद्रजीत समर्थक कह रहे हैं कि टीम मनोहर जितना राव नरबीर को आगे रख रही है राव उतने ही दूर जा रहे हैं लेकिन मौजूदा हालात उन्हें उखाड़-पछाड़ की इजाजत नहीं दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार राव अंदर से मनोहर के प्रति नरम नहीं है। रैली के लिए रामपुरा आवास पर कार्यकर्ता सम्मेलन न बुलाए जाने को लेकर राव के उदासीन होने की अटकलें भी लग रही है, लेकिन राव के नजदीकी कह रहे हैं कि मोदी के लिए सभी कार्यकर्ता एकजुट हैं।