-रेवाड़ी के भाजे हैं डूसू के अध्यक्ष बने अंकिव
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी पीतल नगरी के लिए बृहस्पतिवार का दिन खास खुशिया लेकर आया है। दिल्ली विश्व
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी
पीतल नगरी के लिए बृहस्पतिवार का दिन खास खुशिया लेकर आया है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में अध्यक्ष पद पर विजयी रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार अंकिव बैसोया जहा रेवाड़ी के भाजे हैं, वही सचिव पद पर जीते एनएसयूआइ के उम्मीदवार आकाश रेवाड़ी के मूल निवासी हैं। अंकिव के नाना मामा व आकाश के खुद के घर पर जश्न का माहौल है। खुशी हो भी क्यों नहीं। देश की राजधानी में रेवाड़ी का जलवा जो बढ़ गया है। रेवाड़ी का मान बढ़ने की यह खुशी केवल दोनों परिवारों तक सीमित नहीं है बल्कि मित्र मंडली के बीच भी दोनों की जीत के चर्चे हैं।
साकार किया नाना का सपना
अंकिव के इकलौते मामा हिमाशु के लिए तो यह दिन कभी न भुला पाने वाला दिन बन गया है। इसकी वजह भी है। हिमाशु पिछले कई दिन से भाजे की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में ही डटे हुए हैं। अंकिव के नाना कैलाश चंद लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। नाना सामाजिक कायरें में बढ़-चढ़कर रुचि लेते हैं। शिक्षा के प्रति उनका नजरिया शुरू से ही प्रगतिवादी रहा है। बुधवार को ही गुर्जर समाज के एक कार्यक्रम में कैलाश अपने मित्रों के बीच यही कह रहे थे कि अगर बच्चों को आगे आना है तो उन्हें नेतृत्व क्षमता बढ़ानी होगी। उनके नवासे अंकिव ने नाना की भावना को साकार कर दिया है।
मामा नहीं दोस्त हूं मैं
भाजे अंकिव की जीत पर मामा हिमाशु गदगद हैं। जागरण से बातचीत में हिमाशु ने कहा कि सामाजिक रिश्ते के लिहाज से अंकिव भले ही मेरा भाजा है, लेकिन असलियत यह है कि वह भाजे से अधिक मेरा दोस्त है। मैं उससे मात्र चार महीने बड़ा हूं। इसलिए बचपन से ही हम दोनों के बीच गाढ़ी छनती रही है। मित्र मंडली के साथ मैं भी 1 महीने से दिल्ली में ही हूं। यह भाजे की अपनी लोकप्रियता, नेतृत्व क्षमता व संगठन के सहयोग का ही नतीजा है, जिसके बल पर उसने जीत हासिल की है।