फिर ढूंढे आजाद हिद फौज के गुमनाम 47 शहीदों के नाम
श्री भगवान फौगाट। यह उस जुनूनी सख्श का नाम है जो पिछले पांच-छह वर्षों से आजाद हिद फौज के उन गुमनाम शहीदों की जानकारी हासिल करने के लिए संघर्षरत हैं जिनका उनके परिजनों को भी पता नहीं है। श्री भगवान 170 लोगों की जानकारी पहले हासिल कर चुके थे। अब राष्ट्रीय अभिलेखागार के दुर्लभ रिकार्ड को खंगालकर 47 नए शहीदों के नाम हासिल किए हैं।
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी
श्री भगवान फौगाट। यह उस जुनूनी शख्स का नाम है जो पिछले पांच-छह वर्षों से आजाद हिद फौज के उन गुमनाम शहीदों की जानकारी हासिल करने के लिए संघर्षरत हैं जिनका उनके परिजनों को भी पता नहीं है। श्री भगवान 170 लोगों की जानकारी पहले हासिल कर चुके थे। अब राष्ट्रीय अभिलेखागार के दुर्लभ रिकार्ड को खंगालकर 47 नए शहीदों के नाम हासिल किए हैं। रेवाड़ी निवासी श्रीभगवान की पिछले कुछ वर्षों में की गई मेहनत से 217 शहीदों के नाम तो मिल गए हैं, लेकिन इनमें से अभी लगभग 40 के परिजनों का ही पता चल पाया है। फौगाट का दावा है कि अगर सरकारी सहयोग मिले और अधिकारी मिलकर मेहनत करें तो सभी शहीदों के परिवारों तक पहुंचा जा सकता है। श्रीभगवान ने अब 47 नए लोगों की सूची यहां के उपायुक्त के माध्यम से सरकार को भेजी है। श्रीभगवान की मुश्किल यह है कि जिस दौर के नाम वह खोजकर जुटा रहे हैं उस दौर में पंजाब, हरियाणा व हिमाचल जैसे राज्यों का मौजूदा स्वरूप नहीं था। वर्तमान में जिला अगर रोहतक लिखा है तो पता नहीं उस समय रोहतक की सीमा कहां से कहां तक थी। तब रेवाड़ी रियासत नाभा स्टेट के अधीन थी। इसी क्रम में पटियाला रियासत के अधीन कुछ गांव थे। राष्ट्रीय अभिलेखागार से दिनरात पसीना बहाकर व कष्टसाध्य श्रम के बाद जो नाम जुटाए गए हैं उसमें गांव व जिले के नाम मिल गए हैं।
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यह थी तब रिकार्ड न मिलने की वजह
उस समय आर्मी के रिकॉर्ड का जिम्मा संभालने वाले अधिकारियों ने सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के आवेदन के जवाब में यह लिखकर भेज दिया था कि उनके पति, पिता या दादा आइएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) के सदस्य नहीं थे। उनको अंग्रेजी सेना में बता दिया था, लेकिन पांच दशक बाद श्रीभगवान ने राष्ट्रीय अभिलेखागार से ऐसे अकाट्य सबूत जुटा लिए हैं जिनसे उनके स्वतंत्रता सेनानी होने की पुष्टि हो रही है।
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अगर किसी को यह पता चलता है कि उनके दादा-पड़दादा स्वतंत्रता सेनानी थे तो उन्हें एक ओर जहां सामाजिक सम्मान मिलेगा वहीं बेटे-पोते के लिए कार्ड भी बन जाएगा। इससे उन्हें सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाएं मिल जाएंगी। गांव के सम्मान पट्ट पर ऐसे स्वतंत्रता सेनानी का नाम दर्ज हो जाएगा, जिसके बारे में आज गांव को ही पता नहीं है। अगर कोई बुजुर्ग या उसकी वीरांगना खुद जीवित है तो उम्र के अंतिम पड़ाव पर पेंशन का लाभ मिल जाएगा। अगर नाम व गांव का नाम पढ़कर कोई मुझसे संपर्क करता है तो उनके पूर्वज के स्वतंत्रता सेनानी होने के सबूत दिलाने में वह मदद कर सकते हैं।
-श्रीभगवान फौगाट
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यह हैं शहीदों के नाम
हिसार के नौ शहीदों में
नाम गांव जिला
गंगाराम सरपुरा खुर्द हिसार
रिछपाल सिंह देवास हिसार
रामसरूप चौधरीवास हिसार
रामकरण रोलोवास हिसार
उदमीराम शेखपुरा हिसार
बुधराम कुमारिया हिसार
पूरनसिंह मंडोली हिसार
कौर सिंह तानापुरा हिसार
मुंशीराम समन रोहतक
शीशराम सुडाना रोहतक
मेहर सिंह बरोना रोहतक
गोधा छारा रोहतक
मक्खन राम जांटी रोहतक
प्रेमसिंह खेड़ी खुमार रोहतक
गोकल राम बावा रोहतक
प्यारेलाल रानीला रोहतक
गोरधन बहाडोली रोहतक
चतरसिंह नूनामाजरा रोहतक
रघुबीरसिंह जल कोसली रोहतक
मांगेराम कटेसरा रोहतक
श्रीचंद जाजारी रोहतक
साधूराम अलोहुका गुरुग्राम
सिमरूराम बोर गुरुग्राम
बालाराम सुल्तापुर गुरुग्राम
तिरखा राम पल्ली गुरुग्राम
उदमीराम रोहता गुरुग्राम
बालाराम लोलाखेड़ी गुरुग्राम
अमरसिंह खोरखेड़ा गुरुग्राम
नंदलाल बचाड़िया गुरुग्राम
सुगनसिंह ईसराना गुरुग्राम
सिंहराम धुवाना गुरुग्राम
मामनसिंह निमोठ गुरुग्राम
मामन सिंह मोहादी पुरे गुरुग्राम
भयेराम बरसाना जींद
मोजीराम खरार जींद
पोल्हूराम मिधारी जींद
लालचंद सिरसाखेड़ी जींद
नानक चंद बुरा खेड़ी दादरी
कंजूरा (गांव पता नहीं ) भिवानी
साधूसिंह चितामाली अंबाला
मूलचंद अंबाला कैंट अंबाला
दलसिंहभजे माजरा(जिला पता नहीं )
धजनराम सजर करनाल
हरदेवा अचाना करनाल
मुंशीराम जलवाना करनाल
जीतूराम अलेवा करनाल
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