31 वाहनों को जब्त कर 5.85 लाख के चालान काटे
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण रेवाडी द्वारा मंगलवार की सुबह बस स्टैंड के सामने पर्सनल गाड़ियों में सवारी बैठाने व शहर के बीच में से गुजर रहे ओवरलो¨डग सहित 31 वाहनों को इंपाउंड कर 5 लाख 85 हजार रुपये वसूले गए
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा मंगलवार की सुबह बस स्टैंड के सामने निजी प्रयोग के लिए पंजीकृत गाड़ियों में सवारी बैठाने व शहर के बीच में से गुजर रहे ओवरलो¨डग सहित 31 वाहनों को इंपाउंड कर 5 लाख 85 हजार 600 रुपये का जुर्माना किया गया। इनमें 21 गाडियां इको व अन्य थी, जिनका निरीक्षण करने पर पाया गया कि वे निजी प्रयोग के लिए थी, लेकिन उनका व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा था। इसके अतिरिक्त 10 ओवरलोड डंपर भी पकड़े है, जो शहर के बीच में से गुजर रहे थे।
ओवरलो¨डग वाहनों को रोकने के लिए जिले में अतिरिक्त उपायुक्त एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण सचिव प्रदीप दहिया के मार्गदर्शन में मंगलवार की सुबह विशेष अभियान चलाया गया और पकड़ी गई गाड़ियों को मॉडल टाउन थाने में बंद किया गया। आरटीए सचिव एवं अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि मंगलवार सुबह ओवरलो¨डग वाहनों की चै¨कग के लिए गठित टीम द्वारा ऐसे वाहनों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि चै¨कग का उनका यह अभियान लगातार जारी रहेगा। आरटीए विभाग द्वारा गाड़ियों की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है, ताकि कोई अवैध रूप से गाड़ियां चलाने वाले बच न सके।
एडीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि अवैध रूप से चलने वाले वाहन सरकार के राजस्व का नुकसान करते है, वहीं ओवरलो¨डग वाहनों से सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं। उन्होंने कहा कि टैक्स की चोरी किसी भी सूरत में नहीं होने दी जाएगी, इसके लिए उनका विभाग विशेष अभियान चलाता रहेगा। उन्होंने सवारियों से भी आग्रह किया कि वे अवैध वाहनों में न बैठे। अवैध वाहन पकडे़ जाने पर इंपाउंड किए जाते हैं, इससे परेशानी होती है। परेशानी से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए परमिट वाहनों में ही सफर करें। ओवरलो¨डग वाहनों की चै¨कग के लिए सहायक सचिव आरटीए सूरत ¨सह, टीएसआइ प्रदीप कुमार, ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर महावीर ¨सह व नवीन कुमार की टीम द्वारा चालान किए गए। इसके अतिरिक्त 15 मार्च से 12 जून तक जिले में 1065 वाहनों के 3 करोड़ 41 लाख 80 हजार रुपये के चालान आरटीए द्वारा किए गए, जिसमें प्राइवेट बस, स्कूल बस व ओवरलो¨डग वाहन शामिल हैं।